वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में बहुप्रतीक्षित केंद्रीय बजट 2025 पेश कर रही हैं. वित्त मंत्री ने शिक्षा क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण नीतिगत घोषणा की है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025 पेश करते हुए घोषणा की है कि मेडिकल कॉलेजों में अतिरिक्त सीटें जोड़ी जाएंगी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि मेडिकल कॉलेजों में सीट जोड़ने का फायदा सबसे अधिक किसे होगा.
शिक्षा क्षेत्र के लिए बड़ा बजट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज यानी 1 फरवरी को संसद में आज बजट की घोषणा कर रही हैं. निर्मला सीतारमण ने बजट में छात्रों के लिए भी बड़े ऐलान किया है. इस दौरान उन्होंने बताया कि IIT में 6500 सीटें बढ़ाई जाएंगी और 3 AI सेंटर खोले जाएंगे. इसके अलावा उन्होंने मेडिकल क्षेत्र में छात्रों के लिए सीट बढ़ाने की घोषणा की है. वित्त मंत्री ने कहा कि 5 साल में 10 हजार सीटें बढ़ाई जाएंगी. इसके अलावा AI शिक्षा के लिए 500 करोड़ का बजट है.
मेडिकल की पढ़ाई
देश में मेडिकल की पढ़ाई को लेकर हमेशा से मारामारी रहती है. इसकी बड़ी वजह सरकारी मेडिकल कॉलजों में सीट की कमी है. वहीं प्राइवेट से अगर कोई स्टूडेंट मेडिकल की पढ़ाई करता है, तो करोड़ों रुपये खर्च हो जाते हैं. लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मेडिकल के छात्रों को बड़ी राहत दी है. उन्होंने आगामी 5 सालों में 10 हजार सीट बढ़ाने की बात कही है. इससे उन छात्रों को राहत मिलेगी, जो मेडिकल की तैयार कर रहे हैं और प्राइवेट से पढ़ाई करने का खर्चा नहीं है.
देश में कितनी हैं मेडिकल सीटें?
बता दें कि देश में अभी मेडिकल कॉलेजों में कुल 1,12,112 एमबीबीएस सीटें हैं, जिसपर हर साल प्रवेश की मारामारी रहती है. इन सीटों पर नीट परीक्षा के जरिये एडमिशन दिए जाते हैं. वहीं मोदी सरकार के आने से पहले वर्ष 2014 तक एमबीबीएस की कुल सीटें 51348 हुआ करती थीं, जो 2014 तक देश में कुल 387 मेडिकल कॉलेज थे. इसके अलावा जुलाई 2024 तक के डेटा के मुताबिक अब देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 731 है. इसी तरह मेडिकल की पोस्ट ग्रेजुएट सीटों में भी इजाफा किया गया है. 2014 तक पोस्ट ग्रेजुएट की कुल सीटें 31185 थीं, जबकि जुलाई 2024 तक इन सीटों की संख्या 72627 हो गई है. लेकिन अब दोबारा से मेडिकल की सीटें बढ़ने से तैयारी करने वाले छात्रों को राहत मिलेगी.
किन राज्यों को होगा फायदा?
अब सवाल ये है कि मेडिकल की सीटें बढ़ने का किन राज्यों को सबसे अधिक फायदा होगा. जानकारी के मुताबिक केंद्र स्तर पर सभी राज्यों के छात्रों को इसका लाभ मिलेगा. एम्स से लेकर अन्य मेडिकल कॉलजों में एमबीबीएस और पीजी के लिए सीटें बढेंगी. जिससे सभी राज्यों के छात्रों को सरकारी मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई करने का लाभ मिलेगा.
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