पाकिस्तान के लाहौर में सोमवार को एक एंटी-इजरायल मार्च के दौरान उग्र इस्लामी पार्टी, तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के समर्थकों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पें हुईं. इसमें कम से कम एक अधिकारी की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए. शहर हिंसक झड़पों के कारण लगभग ठप हो गया, क्योंकि प्रदर्शनकारी राजधानी इस्लामाबाद की ओर मार्च कर रहे थे.
पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच फायरिंग
पंजाब पुलिस प्रमुख उस्मान अनवर ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने अधिकारियों पर फायरिंग की, जिसमें एक अधिकारी की मौत हो गई और अन्य घायल हुए. उन्होंने प्रदर्शनकारियों में हुए नुकसान की पुष्टि नहीं की, लेकिन TLP ने बयान में कहा कि उनके कई समर्थक भी मारे गए या घायल हुए हैं.
TLP प्रमुख साद रिजवी गंभीर घायल
TLP के प्रमुख साद रिजवी को कई गोली लगी हैं और वे गंभीर हालत में अस्पताल में हैं. सोशल मीडिया पर उनके मारे जाने की खबरें वायरल हो रही हैं, लेकिन सूत्रों के अनुसार वह गंभीर रूप से घायल हैं, उनकी मौत नहीं हुई है. TLP ने एक वीडियो साझा किया, जिसमें रिजवी सुरक्षा बलों से फायरिंग रोकने की अपील करते दिख रहे हैं और बातचीत के लिए तैयार होने की बात कह रहे हैं.
Unverified social media claims state that TLP chief #SaadRizvi has been killed; however, credible sources indicate he was shot multiple times during clashes in #Muridke amid pro-Palestinian protests and is in critical condition, not confirmed dead. pic.twitter.com/u8b5ni3wmr
— Zafar Bashir ظفر بشیر (@zafarbashir_) October 13, 2025
मार्च के दौरान वाहनों को आग लगाई गई
सोशल मीडिया पर एक और वीडियो वायरल हुआ जिसमें कई वाहन जलते हुए दिखाई दिए, जिनमें TLP समर्थकों से भरी एक ट्रक भी शामिल थी. इस "लॉन्ग मार्च" की शुरुआत शुक्रवार को पाकिस्तान के पूर्वी हिस्से से हुई थी. शनिवार को हुए एक प्रदर्शन में पुलिस ने 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था.
अमेरिकी दूतावास के बाहर प्रदर्शन
प्रदर्शनकारियों का उद्देश्य इस्लामाबाद स्थित अमेरिकी दूतावास के बाहर फिलिस्तीन के समर्थन में एक रैली आयोजित करना था. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए कार्रवाई की, इसी दौरान फायरिंग हुई. एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार, सोमवार को झड़प तब शुरू हुई जब प्रदर्शनकारी पुलिस द्वारा सड़कों पर रखे गए कंटेनर हटाने की कोशिश करने लगे. समर्थक लाहौर में पुलिस से भिड़ गए और बाद में नजदीकी शहर मुरिदके में ठहरे, फिर मार्च जारी रखा.
TLP का इतिहास और राजनीति में प्रभाव
TLP 2018 के चुनावों में पाकिस्तान में उभरी थी और इस्लाम के अपमान पर कड़े कानून की रक्षा को अपनी मुख्य राजनीतिक मुद्दा बनाया. तब से पार्टी अक्सर हिंसक रैलियां आयोजित करती रही है, खासकर विदेशों में कुरान की अपवित्रता के विरोध में. पिछले सालों में TLP ने लाहौर और अन्य शहरों में कई प्रो-पैलेस्टिनियन रैलियां आयोजित की हैं.
सरकार और जनता की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान के उप गृह मंत्री तलाल चौधरी ने कहा कि उन्हें समझ नहीं आया कि TLP ने गाजा में शांति के मौके पर हिंसा क्यों चुनी. सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं मिश्रित रही-कुछ ने TLP की आलोचना की, तो कुछ ने मार्च शुरू होने से पहले ही बड़े रास्तों को ब्लॉक करने पर सरकार की निंदा की.
