दुनिया में हिंदी का क्रेज इस कदर बढ़ रहा है कि यूरोप से लेकर अमेरिका तक हिंदी सीखने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है. इस बीच रूस के उच्च शिक्षा उपमंत्री कॉन्स्टेंटिन मोगिलेव्स्की ने भी हिंदी सीखने और उस पर रिसर्च करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि हमारे ज्यादा से ज्यादा छात्र हिंदी सीखें.
रूसी न्यूज एजेंसी TASS को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि भारत जैसे विशाल देश में लोग अंग्रेज़ी से ज़्यादा हिंदी का इस्तेमाल करते हैं इसलिए हमें इस पर ध्यान देने की ज़रूरत है. मोगिलेव्स्की ने हिंदी सीखने वाले रूसी छात्रों की बढ़ती संख्या का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि आज हिंदी सीखने के इच्छुक युवाओं के पास पहले की तुलना में ज़्यादा अवसर हैं.
रूस की कईं यूनिवर्सिटी में पढ़ाई जा रही हिंदी
बता दें कि मॉस्को के प्रतिष्ठित एमजीआईएमओ, आरएसयूएच, मॉस्को स्टेट यूनिवर्सिटी के एशियाई और अफ्रीकी अध्ययन संस्थान के अलावा मॉस्को स्टेट लिंग्विस्टिक यूनिवर्सिटी में भी हिंदी पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं. मोगिलेव्स्की ने बताया कि हिंदी में दाखिला लेने वाले छात्रों की संख्या बढ़ रही है और समूहों की संख्या दो से तीन गुना ज़्यादा है.
Namaste, 🇷🇺! Hindi Hits The Books In Russian Unis As Student Embrace Language
Opportunities to study the language at university level will be massively expanded, according to Deputy Minister Konstantin Mogilevsky.
“We want more of our students to study Hindi. India is the… pic.twitter.com/jEcxFvKjD4
— RT_India (@RT_India_news) September 6, 2025
राजधानी मॉस्को के अलावा, सेंट पीटर्सबर्ग स्टेट यूनिवर्सिटी और कज़ान फ़ेडरल यूनिवर्सिटी जैसे संस्थानों में भी हिंदी कक्षाओं के लिए ज़्यादा छात्र दाखिले करा रहे हैं.
दिसंबर में भारत आएंगे पुतिन
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बार-बार मॉस्को को नई दिल्ली के सबसे विश्वसनीय सहयोगियों में से एक बताया है. अगस्त में उन्होंने कहा था कि हमारा मानना है कि भारत और रूस के बीच संबंध द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया के सबसे मज़बूत रिश्तों में से एक रहे हैं. क्रेमलिन ने भी ये पुष्टि की है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दिसंबर में भारत की आधिकारिक यात्रा करेंगे, जिससे दोनों देशों के बीच संबंध और मज़बूत होंगे.
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