India MSME News: अमेरिकी सरकार ने भारत समेत कई देशों पर हाई टैरिफ लगा रखा है. जिसका असर अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है. वहीं शेयर मार्केट में भी उतार-चढ़ाव जारी है. इस बीच, सोमवार 13 अक्टूबर को वित्त मंत्रालय देश की सार्वजनिक बैंकों के साथ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) पर अमेरिकी टैरिफ से होने वाले असर को लेकर समीक्षा बैठक करेगी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस बैठक की अध्यक्षता वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम नागराजू कर सकते हैं.
बैठक का मुख्य एजेंडा
वित्त मंत्रालय के द्वारा की जा रही इस समीक्षा बैठक में मुद्रा ऋण गारंटी योजना जैसी वित्तीय योजनाओं की समीक्षा करना है ताकि, अमेरिकी टैरिफ का एमएसएमई व्यापार क्षेत्र में पड़ रहे दवाब को समझा जा सके. साथ ही इसके अनुसार सही कदम उठाए जाए और सरकार के द्वारा की जा रही आर्थिक सहायता को जारी रखा जाए. सरकार की चिंता इस बात को लेकर भी है कि इस हाई टैरिफ की वजह से एमएसएमई क्षेत्र में लोन ना लौटाने के मामले भी बढ़ सकते है. इसको लेकर सरकार आज संबंधित बैंकों से सुझाव मांगेगा.
अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा रखा है, जिसका असर एमएसएमई पर दिख रहा है. एमएसएमई उद्योग संगठनों के द्वारा भारत सरकार से इस मामले में मध्यस्थता करने की मांग की गई है. जिसको देखते हुए सरकार ने समीक्षा बैठक बुलाई है.
इंडिया एसएमई फोरम
इंडिया एसएमई फोरम के प्रेसिडेंट विनोद कुमार ने जानकारी दी है कि अमेरिका से जारी टैरिफ वॉर से एमएसएमई क्षेत्र के कारोबार को 30 अरब डॉलर से भी अधिक का नुकसान हो सकता है. साथ ही उन्होंने बताया कि इस समीक्षा बैठक में पीएम स्वनिधि और पीएम विश्वकर्मा जैसी सूक्ष्म ऋण योजनाओं की विकास को लेकर भी बातचीत हो सकती है. बैठक में 2025 में शुरु की गई नए ऋण मूल्यांकन मॉडल के प्रदर्शन को लेकर भी चर्चा की जाएगी. इस मॉडल का इस्तेमाल करके डिजिटली डेटा को वैरिफाई किया जाता है. जिससे लोन मिलने में लगने वाला समय कम होता है.
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