गरीबी, भुखमरी और आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से नए कर्ज के लिए गुहार लगाई है. आईएमएफ का मिशन पाकिस्तान में दो हफ्ते तक रहेगा और देखेगा कि क्या पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था में सुधार कर रहा है. अगर मिशन को सुधार नजर आते हैं, तो ही वह पाकिस्तान को नया कर्ज देगा.
पाकिस्तानी अखबार द डॉन ने मंगलवार (30 सितंबर, 2025) को बताया कि आईएमएफ के मिशन ने पाकिस्तान के आर्थिक दल के साथ औपचारिक बैठक की. इसमें सात अरब डॉलर के ऋण और 1.1 अरब डॉलर की सुविधा के कार्यान्वयन की समीक्षा की गई.
खबर के अनुसार, यह बैठक ऐसे समय में की गई जब जून 2025 के अंत तक (जो कि समीक्षाधीन अवधि है) कार्यक्रम का प्रदर्शन मिश्रित रहा है. आईएमएफ में पाकिस्तान की मिशन प्रमुख ईवा पेत्रोवा के नेतृत्व में एक दल ने वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब के नेतृत्व वाले पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल से सोमवार को मुलाकात की.
बैठक में स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के गवर्नर, वित्त सचिव और संघीय राजस्व बोर्ड (FBR) के चेयरमैन समेत प्रमुख आर्थिक हितधारकों ने हिस्सा लिया. यह मिशन लगभग दो हफ्ते तक पाकिस्तान में रहेगा और सात अरब अमेरिकी डॉलर की विस्तारित वित्तपोषण सुविधा (EFF) और 1.1 अरब अमेरिकी डॉलर की लचीली और स्थिर सुविधा (RSF) के कार्यान्वयन की समीक्षा करेगा.
रिपोर्ट में बताया गया कि पाकिस्तान सरकार ने आईएमएफ मिशन से कहा है कि वह बाढ़ में हुए नुकसान को भी ध्यान में रखे, लेकिन सूत्रों ने कहा कि समीक्षा बाढ़ से पहले के लक्ष्यों पर आधारित है. इसके चलते सरकार जून-2025 के अंत तक के प्रदर्शनों को लेकर जवाबदेह है. हालांकि, बाढ़ से होने वाले नुकसान को लेकर बाद में छूट दिए जाने पर विचार किया जा सकता है. रिपोर्ट में कहा गया कि अगर यह बैठक सकारात्मक होती है तो अगले महीने पाकिस्तान करीब 1 बिलियन डॉलर के वितरण के लिए पात्र हो जाएगा.
आईएमएफ ने इसी साल मई में पाकिस्तान को एक अरब डॉलर का कर्ज दिया था.आईएमएफ ने यह कर्ज देने से पहले पाकिस्तान के सामने कई शर्तें रखी थीं, जिनमें कार्बन लेवी भी शामिल था. इसके अलावा बिजली के शुल्क में समय-समय पर बदलाव और पानी की कीमतों को लेकर कई स्तरों पर सुधार की शर्तें भी शामिल थीं.
