Rahul Gandhi Dual Citizenship Case: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता के मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने केंद्र सरकार को चार हफ्ते के अंदर फैसला लेने का समय दिया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 21 अप्रैल 2024 तय कर दी है. गृह मंत्रालय की ओर से इस मामले में आठ हफ्ते का समय देने की मांग की गई थी.
दरअसल, यह मामला कर्नाटक के एक याचिकाकर्ता, शिशिर की ओर से दायर याचिका पर आधारित है,जिन्होंने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच की मांग की है. उनका दावा है कि उनके पास राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर नए प्रमाण हैं,जिसमें यूके सरकार से प्राप्त दस्तावेज और ईमेल शामिल हैं.
याचिकाकर्ता के अनुसार, ब्रिटेन की एक पूर्व कंपनी, जो 2003 में बनी और 2009 में बंद हो गई, उसने अपने रिकॉर्ड में राहुल गांधी को ब्रिटेन का नागरिक बताया था. भारतीय कानून के अनुसार, दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं है और अगर कोई भारतीय नागरिक दूसरे देश की नागरिकता लेता है, तो भारतीय नागरिकता स्वतः रद्द हो जाती है.
गृह मंत्रालय से मांगी गई रिपोर्ट
इस मामले में नवंबर 2023 में हुई पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने गृह मंत्रालय को निर्देश दिया था कि वह याचिका पर की गई कार्रवाई की जानकारी दे. इसके लिए डिप्टी सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडे को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए गए थे. मंत्रालय को पहले तीन सप्ताह का समय दिया गया था,लेकिन अब उन्हें चार सप्ताह में रिपोर्ट पेश करनी होगी.
दिल्ली हाईकोर्ट में भी मामला लंबित
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट में भी एक समान याचिका दायर की गई थी. यह याचिका पूर्व भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने 2019 में दायर की थी. उन्होंने दावा किया कि गृह मंत्रालय को इस मामले में पत्र लिखने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई.
राहुल गांधी और कांग्रेस का जवाब
कांग्रेस ने हमेशा राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता पर सवाल उठाए जाने को खारिज किया है. राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि "हर कोई जानता है कि राहुल गांधी भारतीय हैं और यहीं पैदा हुए और पले-बढ़े हैं." राहुल गांधी ने खुद इन आरोपों को "छवि खराब करने की साजिश" बताया है. कांग्रेस का कहना है कि यह राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित मामला है.
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