अफगानिस्तान की पूर्वी सीमा पर एक बार फिर से गोलीबारी शुरू हो गई है. तालिबान की सेनाओं ने अफगान की धरती पर इस्लामाबाद के कथित हवाई हमलों के बाद अब पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी सशस्त्र कार्रवाई शुरू कर दी है. बता दें कि कुनार से लेकर हेलमंद तक, ये वे राज्य हैं जो दशकों से किसी न किसी युद्ध के कगार पर हैं. स्थानीय अधिकारियों ने पुष्टि की है कि अभी भी झड़पें जारी हैं.


तालिबान के सुरक्षा बलों ने शनिवार (11 अक्टूबर, 2025) को साझा सीमा पर पाकिस्तानी सैनिकों के खिलाफ सशस्त्र जवाबी कार्रवाई शुरू की और इस्लामाबाद पर उनकी धरती पर हवाई हमले करने का आरोप लगाया. एएफपी ने अफ़ग़ान सेना ने हवाले से बताया कि पाकिस्तानी सेना के हवाई हमलों का बदला लेने के लिए पूर्व में तालिबान सीमा बलों ने विभिन्न सीमावर्ती क्षेत्रों में पाकिस्तानी सेना की चौकियों पर भीषण गोलाबारी की. 


तालिबानी प्रवक्ता ने क्या बताया?


तालिबान रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इनायत ख़ोवाराजम ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि अभियान आधी रात को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, "अगर विरोधी पक्ष फिर से अफ़ग़ानिस्तान की सीमा का उल्लंघन करता है तो हमारे सशस्त्र बल उसकी रक्षा के लिए तैयार हैं और निर्णायक जवाब देंगे."


TTP को लेकर अफगान को धमका चुका है पाकिस्तान


इस्लामाबाद ने अफगानिस्तान में हमलों के पीछे अपना हाथ होने की पुष्टि नहीं की, लेकिन काबुल से अपनी धरती पर पाकिस्तानी तालिबान (टीटीपी) को पनाह देना बंद करने का आह्वान किया है. टीटीपी ने अफगानिस्तान में युद्ध का प्रशिक्षण लिया है और वो अफगान तालिबान जैसी ही विचारधारा रखने का दावा करता है. इस्लामाबाद का आरोप है कि टीटीपी ने 2021 से उसके सैंकड़ों सैनिकों की हत्या की है.


अफगानिस्तान की सीमा से लगे पाकिस्तान के ख़ैबर-पख़्तूनख्वा प्रांत के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एएफपी को बताया कि आज शाम तालिबान बलों ने हथियारों का इस्तेमाल शुरू कर दिया. हमने सीमा पर 4 जगहों पर पहले हल्के और फिर भारी तोपखाने से गोलाबारी की.


पाक आर्मी के खिलाफ टीटीपी का अभियान तेज
हाल के महीनों में टीटीपी आतंकवादियों ने सीमा से लगे पहाड़ी इलाकों में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के खिलाफ हिंसा का अपना अभियान तेज कर दिया है. इस्लामाबाद अफगानिस्तान पर उन आतंकवादियों को खदेड़ने में विफल रहने का आरोप लगाता है, जो अफगानी धरती का इस्तेमाल पाकिस्तान पर हमले करने के लिए करते हैं, हालांकि काबुल के अधिकारियों ने इस आरोप का खंडन किया है.


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