चक्रवात दित्वा शनिवार (29 नवंबर 2025) को श्रीलंका से निकलकर दक्षिण भारत के तटीय इलाकों में प्रवेश कर गया है. श्रीलंका से आगे बढ़ चुके चक्रवात ने अपने पीछे तबाही के निशान छोड़े हैं, जिसमें 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और पुडुचेरी के तटीय इलाकों में भारी बारिश के साथ तेज हवाएं शुरू हो चुकी है.


भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेन्नई और चेंगलपट्टू समेत आसपास के जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. तमिलनाडु में भारी बारिश के चलते 54 उड़ानें रद्द कर दी गई हैं. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस मौसम का मार में कम से कम 153 लोगों की मौत हो गई और 191 अन्य लापता हैं. यह संख्या और भी ज्यादा बढ़ने की आशंका है क्योंकि खराब मौसम की वजह से बुरी तरह प्रभावित इलाकों में संचार बाधित हो गया है, जिससे आपदा के असर के आकलन में दिक्कत आ रही है.


IMD के अनुसार रविवार सुबह तक यह उत्तरी तमिलनाडु, पुडुचेरी और उससे सटे दक्षिणी आंध्र प्रदेश के तटों के पास बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम में पहुंच जाएगा. मौसम विभाग ने 29 से 30 नवंबर तक राज्य के दक्षिणी और कावेरी डेल्टा जिलों में भारी वर्षा की संभावना जताई है. मछुआरों को समुद्र में न जाने की चेतावनी भी दी है. तमिलनाडु के मंत्री केकेएसएसआर रामचंद्रन ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि 6,000 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की 28 टीमों को तमिलनाडु में तैनात किया गया है.


श्रीलंका की सेना ने कहा कि उत्तर पश्चिम प्रांत के कलाओया इलाके में एक बस में फंसे करीब 68 लोगों को नौसेना ने शनिवार सुबह कई घंटों तक चले एक अभियान में बचाया. भारत ने चक्रवात दित्वा के बाद संकट से घिरे श्रीलंका की मदद के लिए ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ शुरू किया है.