एक्ट्रेस लारा दत्ता ने बताया कि वह ड्राई आई की समस्या से जूझ रही है. इस पर विस्तार से बात करते हुए उन्होंने बताया कि इसकी वजह से उनकी रोजमर्रा की जिंदगी भी काफी ज्यादा प्रभावित हुई है. वह कैसे इस बीमारी को मैनेज कर रही है इस बारे में उन्होंने विस्तार से बात की. उन्होंने इस बीमारी को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए वह एक अवेयरनेस कैंप के साथ जुड़ी हैं.
ड्राई आई की बीमारी से कैसे बच सकते हैं?
वक्त रहते अगर मरीज को इलाज न मिलें तो ड्राई आई के कारण आंखें खराब भी हो सकती है. आइए जानें ड्राई सिंड्रोम क्या है ? साथ ही जानें इस बीमारी से कैसे बच सकते हैं. ड्राई आई आंखों से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है. यह बीमारी तब होती है जब आंखों में पानी की कमी होने लगती है. इसमें आंख धीरे-धीरे ड्राई होने लगता है. और उसमें खुजली शुरू हो जाती है.मौसम बदलने के कारण आंखों की टियर सूखने लगती है. जिसके कारण आंखों में सूजन की शिकायत होती है. इसके कारण आंखों की नमी कम होने लगती है. साथ ही साथ आंखों की नमी कम और सूजन कम होने के कारण ड्राई सिंड्रोम की समस्या होने लगती है.
आंख ड्राई होने लगती है
जब आप ज्यादा गर्मी बढ़ने लगती है तो आंख ड्राई होने लगती है. इसके कारण कॉर्नियल बर्न भी बर्न हो सकती है. इसके कारण आंखों की रोशनी धुंधली पर सकती है. वक्त रहते इलाज नहीं किया जाएगा इसके कारण आंख भी खराब हो सकती है. ड्राई आई एक ऐसी स्थिति है जब आंखों के आंसू सूख दाते हैं. इसकां गंभीर असर कॉर्निया पर होता है. इसके कारण आंखों को गंभीर नुकसान होता है.
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किन लोगों को होती है समस्या
आंख ड्राय अक्सर तब होते हैं जब आप आंखों का इस्तेमाल जरूरत से ज्यादा कर लेते हैं. ज्यादातर यह वैसे लोग होते हैं जो घंटों तक कंप्यूटर के सामने बैठे रहते हैं. घंटों कंप्यूटर के सामने बैठने से आंखों में दर्द, कोर्निया और जलन की समस्या शुरू होती है. साथ ही आंख रेड और ड्राय होने लगते हैं. ड्राय आंख की समस्या से आपके देखने की शक्ति भी कम हो सकती है. और एक समय के बाद आपको काम करने में भी कई तरह की मुश्किलें आ सकती है. ड्राय आंख की समस्या किसी भी उम्र के लोगों के साथ हो सकती है. यह बच्चे, बूढ़े जो भी ज्यादा टाइम स्क्रीन पर देखते हैं या जिनकी लाइफस्टाइल ठीक नहीं है सभी के साथ हो सकती है.
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