भारत में इन दिनों global stocks =और global ETFs में निवेश का जबरदस्त क्रेज़ देखने को मिल रहा है, लेकिन इसी क्रेज़ के कारण एक ऐसा जोखिम पैदा हो गया है जिसकी जानकारी बहुत कम निवेशकों को है। विदेशी निवेश पर नियामकीय सीमाएँ लागू होने के बाद अधिकांश ग्लोबल म्यूचुअल फंड्स ने नए निवेश स्वीकार करना बंद कर दिया है। इसके साथ ही भारतीय एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध global ETFs भी नए यूनिट्स नहीं बना पा रहे हैं। स्थिति यह है कि मांग बढ़ रही है, लेकिन आपूर्ति रुकी हुई है — और नतीजा यह कि इन ETFs की कीमतें उनके वास्तविक NAV से 8% से 21% तक ऊपर चली गई हैं। उदाहरण: Motilal Oswal NASDAQ 100 ETF – 8% PREMIUM Mirae Asset S&P 500 Top 50 ETF – 21% PREMIUM Nippon Hang Seng BeES – 19% प्रीमियम यह premium हमेशा नहीं टिकता। ETF की कीमत समय के साथ फिर NAV के आसपास लौट आती है। यदि आप प्रीमियम देकर खरीदते हैं, तो आपका रिटर्न घट सकता है या सीधा नुकसान भी हो सकता है। इससे FoF निवेशक भी प्रभावित हो रहे हैं क्योंकि गलत ETF प्राइसिंग उनका भी NAV बिगाड़ रही है। इस वीडियो में हम समझेंगे कि यह प्रीमियम कैसे बनता है, क्यों गिरता है और अभी ग्लोबल निवेश से सावधानी क्यों ज़रूरी है।