भारत में क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं बल्कि एक जुनून है. गली-गली में बच्चे बल्ला और गेंद लेकर उतर जाते हैं और हर दूसरा खिलाड़ी या तो विराट कोहली या सचिन तेंदुलकर बनने का सपना देखता है. लेकिन सच यह है कि क्रिकेट में करियर बनाना हर किसी के बस की बात नहीं होती. हर खिलाड़ी टीम इंडिया का हिस्सा नहीं बन पाता. तो क्या क्रिकेट से जुड़ने के सारे रास्ते यहीं खत्म हो जाते हैं? बिल्कुल नहीं! अगर आप क्रिकेट खेल में बहुत आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं लेकिन इस खेल से प्यार करते हैं, तो आपके लिए अंपायरिंग एक बेहतरीन करियर विकल्प हो सकता है.
क्रिकेट की दीवानगी सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है. पूरी दुनिया में इस खेल का क्रेज लगातार बढ़ रहा है. इंटरनेशनल मैचों के अलावा हर देश ने अपनी-अपनी टी20 लीग शुरू कर दी हैं, जिनका स्तर किसी इंटरनेशनल टूर्नामेंट से कम नहीं है. आईपीएल जैसी लीग्स ने क्रिकेट को और ज्यादा रोमांचक और लोकप्रिय बना दिया है. यही वजह है कि आज सिर्फ पुरुष क्रिकेट ही नहीं बल्कि महिला क्रिकेट भी खूब बढ़ रहा है. ऐसे में खिलाड़ियों के साथ-साथ अंपायरों की मांग भी लगातार बढ़ी है.
अंपायरिंग क्यों है खास?
आपने अक्सर मैच देखते समय सोचा होगा कि अंपायर सिर्फ आउट और नॉट आउट का इशारा करते हैं. लेकिन असल में अंपायर का काम काफी चुनौतीपूर्ण होता है. उनके ऊपर मैच को निष्पक्ष और सही तरीके से पूरा कराने की पूरी जिम्मेदारी होती है. उनके एक फैसले से मैच का रुख बदल सकता है. यही कारण है कि अंपायरिंग को सम्मानजनक और जिम्मेदारी वाला पेशा माना जाता है.
अंपायरों को कितना वेतन मिलता है?
अब सवाल उठता है कि आखिर अंपायरों को इस काम के लिए कितनी कमाई होती है. अगर इंटरनेशनल स्तर पर अंपायरिंग की जाए तो इसकी कमाई बहुत अच्छी है. आईसीसी के एक वनडे मैच में अंपायर को लगभग 2 लाख 25 हजार रुपये तक मिलते हैं. वहीं टेस्ट मैचों में यह फीस 3 लाख रुपये से भी ज्यादा होती है. इसके अलावा उन्हें अलग-अलग भत्ते भी दिए जाते हैं.
अगर अंपायर का आईसीसी के साथ अनुबंध हो जाता है तो सालाना कमाई 60 लाख रुपये से लेकर 1 से डेढ़ करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है. वहीं भारत में घरेलू मैचों की बात करें तो बीसीसीआई अंपायरों को प्रति मैच करीब 40 हजार रुपये तक का भुगतान करता है. यानी जैसे-जैसे अनुभव और स्तर बढ़ता है, कमाई भी कई गुना बढ़ जाती है.
कैसे बन सकते हैं क्रिकेट अंपायर?
क्रिकेट अंपायर बनने के लिए जरूरी नहीं कि आप खुद अच्छे खिलाड़ी हों. लेकिन आपको क्रिकेट के नियमों की पूरी जानकारी होनी चाहिए. इसके साथ ही तेज दिमाग, तुरंत सही फैसला लेने की क्षमता और साफ बोलने की कला भी होनी चाहिए. अंपायर को लंबे समय तक मैदान में खड़ा रहना पड़ता है, इसलिए फिजिकली फिट होना भी बहुत जरूरी है.
अंपायर बनने के लिए सबसे पहले राज्य स्तर पर परीक्षाएं पास करनी होती हैं. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) हर साल यह परीक्षाएं आयोजित करता है. इनमें उम्मीदवारों के क्रिकेट नियमों की जानकारी की जांच होती है. लिखित परीक्षा पास करने के बाद उम्मीदवारों को मैदान पर ट्रेनिंग दी जाती है. इसके बाद उन्हें घरेलू टूर्नामेंट में अंपायरिंग का मौका मिलता है.
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