Pitru Paksha 2025, Kunwara Panchami Shradh: कुंवारा पंचमी 11 सितंबर 2025 को है. इस दिन अविवाहित मृत परिजन यानी कि जिनकी मृत्यु विवाह से पूर्व हुई हो उनका तर्पण, पिंडदान किया जाता है. कुंवारा पंचमी पितृ पक्ष के पांचवे दिन यानी पंचमी तिथि को आती है. कुंवारा पंचमी पर श्राद्ध का समय क्या और इस दिन किसी विधि से श्राद्ध किया जाता है, किन चीजों का दान करना चाहिए आइए जानते हैं.
कुंवारा पंचमी पर कब करें श्राद्ध ?
- कुतुप मुहूर्त - सुबह 11:53 - दोपहर 12:42
- रौहिण मुहूर्त - दोपहर 12:42 - दोपहर 01:32
- अपराह्न काल - दोपहर 01:32- दोपहर 04:02
कुंवारा पंचमी का महत्व
गरुड़ पुराण के मुताबिक कलयुग में मनुष्यों की आयु सौ वर्ष निर्धारित है लेकिन आज- कल देखने को मिलता है कि अधिकतर लोग कम उम्र में ही मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं, विवाह के बंधन में बंधने से पहले ही यमराज इनके प्राण ले लेते हैं. ऐसे में कहा जाता है कि कुंवारे लोगों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म जरुर करना चाहिए
यही वजह है कि पितृ पक्ष में कुंवारा पंचमी को महत्व दिया गया है. कहते हैं कुंवारे लोगों का श्राद्ध न करने पर घर में कलह, अशांती,बिमारी,अपयश, अकाल मृत्यु , विवाह समय पर न होना, संतान न होना जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. व्यक्ति पितृ दोष से साए में आ जाता है.
कैसे करें कुंवारा पंचमी श्राद्ध ?
- कुंवारा पंचमी श्राद्ध में श्राद्ध कराने वाले व्यक्ति को 5 ब्राह्मणों को भोजन के लिए न्यौता दें, इसमें कुंवारा ब्राह्मण जरुर शामिल करें.
- कुंवारे बेटे या बेटी की मृत्यु हुई है तो उसके पिता की ओर से कोई भी पुरुष रिश्तेदार, जैसे भाई, भतीजा, पौत्र या प्रपौत्र उनका श्राद्ध कर सकते हैं.
- स्नान करके स्वेत कपड़े पहनें फिर गंगाजल, कच्चा दूध, तिल, जौ और शहद मिश्रित जल की जलांजि देकर विधिवत पितृगणों का पूजन करें.
- अब पितृ गण को फूल, चंदन अर्पित करें. अग्नि में भोग अर्पित करें.
- दान में अन्न, वस्त्र, धातु से बनी चीजें दे सकते हैं.
- ॐ पाच्चजन्यधराय नमः॥ मंत्र का जाप करें. इसके बाद गीता के 5वें अध्याय का पाठ करें और ब्राह्मणों को भोजन कराएं.
- अपनी क्षमता के अनुसार उन्हें दान दें और उनका आशीर्वाद लें.
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