नेपाल के बाद अब फ्रांस में भी सरकार के खिलाफ बड़े प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. सरकार द्वारा बजट में कटौती किए जाने के विरोध में और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के इस्तीफे की मांग को लेकर बुधवार को करीब एक लाख से अधिक लोग सड़कों पर उतर आए.
प्रदर्शनकारी कई स्थानों पर सुरक्षा बलों के साथ भिड़ गए, जहां उन्होंने तोड़फोड़ की और आगजनी भी की. जवाब में फ्रांसीसी सरकार ने 80 हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया है. अब तक 200 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
बुधवार को प्रदर्शनकारियों ने पेरिस सहित फ्रांस के विभिन्न इलाकों में सड़कों को जाम कर दिया और भयंकर आगजनी की. पुलिस ने स्थिति को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. एक प्रदर्शनकारी ने पास की दीवार पर लिखा, “मैक्रों और तुम्हारी दुनिया… दूर हो जाओ!” यह प्रदर्शन सरकार की नीतियों के खिलाफ चल रहा है. "सब कुछ बंद करो." फ्रांस में हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं, जबकि सुरक्षा व्यवस्था के लिए भारी संख्या में पुलिस तैनात की गई है.
फ्रांस में ‘ब्लॉक एवरीथिंग’ मूवमेंट के तहत व्यापक प्रदर्शन
फ्रांस में बुधवार से शुरू हुए ‘ब्लॉक एवरीथिंग’ यानी ‘सब कुछ रोक दो’ आंदोलन के तहत देशभर में 30 से अधिक स्थानों पर जोरदार प्रदर्शन हो रहे हैं. इस आंदोलन में लाखों लोग शामिल होकर सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. वामपंथी पार्टी फ्रांस अनबाउंड (LFI) ने भी इस प्रदर्शन का समर्थन किया है. इसके साथ ही फ्रांस के ट्रेड यूनियन ने घोषणा की है कि वे 18 सितंबर को बजट प्रस्तावों के विरोध में देशव्यापी प्रदर्शन करेंगे.
‘ब्लॉक एवरीथिंग’ आंदोलन की शुरुआत सोशल मीडिया पर हुई थी, जिसमें 10 सितंबर को पूरे देश में सभी गतिविधियां बंद करने की अपील की गई थी. यह आंदोलन पूर्व प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरो की बजट नीतियों के खिलाफ खड़ा हुआ. बायरो ने सार्वजनिक खर्च में लगभग 4 लाख करोड़ रुपये की कटौती की थी, जिससे पेंशन योजनाओं पर रोक लग गई और कई सामाजिक कल्याण योजनाओं में भी कटौती की गई.
