देश में डॉक्टर बनने का सपना लाखों छात्र देखते हैं, लेकिन MBBS की पढ़ाई का खर्च सुनकर कई बार यह सपना अधूरा रह जाता है. सरकारी मेडिकल कॉलेज में सीट मिल जाए तो बात अलग है, लेकिन प्राइवेट कॉलेज की फीस लाखों में होती है. ऐसे में एजुकेशन लोन एक बड़ा सहारा बन सकता है. अगर आप भी जानना चाहते हैं कि MBBS के लिए कितना लोन मिल सकता है और इसे चुकाने के नियम क्या हैं, तो ये खबर आपके लिए है.


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इतना मिल सकता है लोन


भारत में ज्यादातर बैंक MBBS जैसी प्रोफेशनल पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन देते हैं. इसके तहत आप 7.5 लाख से लेकर 75 लाख रुपये तक का लोन ले सकते हैं. सरकारी बैंक आमतौर पर 7.5 लाख तक बिना किसी सिक्योरिटी के लोन देते हैं, लेकिन इससे ज्यादा रकम पर गारंटी या को-एप्लिकेंट जरूरी होता है. कुछ प्राइवेट बैंक या फाइनेंशियल संस्थाएं कॉलेज के रेपुटेशन और छात्र की मेरिट के आधार पर इससे भी ज्यादा लोन दे देती हैं. लोन लेने के लिए कुछ जरूरी दस्तावेज होते हैं जैसे - एडमिशन लेटर, फीस स्ट्रक्चर, आधार कार्ड, मार्कशीट, बैंक स्टेटमेंट और को-एप्लिकेंट की इनकम प्रूफ.


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कितना समय मिलता है?


अब बात करते हैं चुकाने के नियम की. एजुकेशन लोन में एक मोरेटोरियम पीरियड होता है, यानी जब तक आपकी पढ़ाई चल रही है और उसके बाद 1 साल तक आपको लोन की EMI नहीं भरनी पड़ती. यह समय आपको करियर शुरू करने और आर्थिक रूप से स्थिर होने का मौका देता है. मोरेटोरियम खत्म होने के बाद EMI शुरू हो जाती है.


बैंकों में लोन चुकाने की अवधि आमतौर पर 5 से 15 साल तक होती है. जितनी बड़ी रकम, उतनी लंबी समयसीमा तय की जाती है. ब्याज दर की बात करें तो यह बैंक पर निर्भर करता है, लेकिन सरकारी बैंकों में ब्याज दर थोड़ी कम होती है.


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