Hair Wash During Periods: हर महीने महिलाओं को पीरियड्स आते हैं. यह एक पूरी तरह प्राकृतिक प्रक्रिया है. इसमें यूट्रस की परत से रक्त और ऊतक शरीर से बाहर निकलते हैं. पुराने समय में पीरियड्स के दौरान महिलाओं के लिए कई तरह के नियम बना दिए गए थे. उन्हीं में से एक था. पीरियड्स के पहले तीन दिन बाल न धोना. कई जगहों पर माना जाता है कि पीरियड्स के दौरान शरीर से गंदगी निकलती है और इस समय शरीर का गर्म रहना जरूरी होता है ताकि ब्लीडिंग ठीक से हो सके.
क्योंकि हर महिला का पीरियड साइकिल अलग होता है, किसी की ब्लीडिंग तीन दिन चलती है, किसी की पांच, तो किसी की सात. ऐसे में लोगों का मानना था कि पहले तीन दिन बाल धोने से शरीर का तापमान कम होता है और इससे ब्लीडिंग रुक सकती है या कम हो सकती है, जिससे आगे चलकर कई दिक्कतें हो सकती हैं. लेकिन साइंस दृष्टि से ये बातें सच नहीं हैं. पीरियड्स के दौरान बाल धोने या किसी खास दिन बाल धोने से ब्लड फ्लो पर कोई असर नहीं पड़ता. यह एक आम मिथ है, जिसे मेडिकल साइंस सपोर्ट नहीं करता. महिलाएं अपने पीरियड्स में भी बिल्कुल सामान्य तरीके से सफाई और नहाने की आदत बनाए रख सकती हैं.
सबसे पहले पीरियड को समझ लीजिए
अमेरिका के National Institute of Child Health and Human Development (NICHD) के अनुसार, पीरियड में यूट्र्स की परत से निकलने वाले रक्त और टिश्यू का सामान्य प्रवाह है, जो हर महीने महिलाओं केमेनस्ट्रुअल साइकिल का हिस्सा होता है. यह प्रक्रिया मेनार्क (पहला पीरियड आमतौर पर 10 से 16 वर्ष की उम्र में) से लेकर मेनोपॉज (45 से 55 वर्ष के बीच) तक चलती है. सामान्यत: एक पीरियड लगभग पांच दिन तक रहता है.
मेंस्ट्रुअल साइकिल क्या है
NICHD बताता है कि मेंस्ट्रुअल साइकिल एक मासिक प्रक्रिया है जिसमें शरीर एक अंडा रिलीज करता है, गर्भाशय की परत गर्भधारण की तैयारी में मोटी होती है, और गर्भ न होने पर यही परत रक्त के रूप में बाहर निकल जाती है. औसतन मासिक चक्र 28 दिनों का होता है, लेकिन यह महिलाओं और उम्र के अनुसार बदलता रहता है. कम उम्र की लड़कियों में यह 21 से 45 दिन और वयस्क महिलाओं में 21 से 35 दिन तक हो सकता है.
स्कैल्प की सेहत क्यों जरूरी है
CDC के एक्सपर्ट के अनुसार, स्कैल्प प्राकृतिक तेल यानी सीबम बनाता है, जो त्वचा को नमी देने और संक्रमण से बचाने का काम करता है. अगर बाल लंबे समय तक न धोए जाए, तो सीबम, गंदगी, पसीना और प्रोडक्ट बिल्ड-अप जमा होने लगता है. इससे बाल चिपचिपे दिखते हैं, बदबू आ सकती है और इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. एक स्टडी (Journal of Skin Appendage Disorders) में पाया गया कि बाल न धोने से स्कैल्प पर जमा सीबम रासायनिक रूप से बदलने लगता है. इसमें मौजूद फ्री फैटी एसिड और ऑक्सीडाइज लिपिड त्वचा को इरिटेट कर सकते हैं. अध्ययन में यह भी पाया गया कि कम बार बाल धोने वालों में डैंड्रफ और अन्य स्कैल्प समस्याएं अधिक देखी गईं.
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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
