चाय को लेकर कई सारे मिथ हमारे आसपास है. चाय पीने से चेहरा काला पड़ने लगते हैं तो होंठ काले पड़ जाते हैं. सिर्फ इतना ही नहीं चाय को लेकर अक्सर यह बात भी कही जाती है कि हद से ज्यादा चाय पीने से फर्टिलीटी पर बुरा असर पड़ता है. लेकिन आइए जानें इस बात में कितनी सच्चाई है? एबीपी लाइव हिंदी की खास सीरीज मिथ VS फैक्ट में हम इसके बारे में विस्तार से बात करेंगे.
हर रोज कितनी मात्रा में कैफीन लेनी चाहिए?
कैफीन चाय-कॉफी या कुछ ड्रिंक्स में भार मात्रा होते हैं. कैफीन धीरे-धीरे हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बनते जा रहा है. हम में से कई लोग ऐसे हैं जो पूरे दिन में कई बार चाय-कॉफी पीते हैं जो सेहत के लिहाज से ठीक नहीं है. वहीं कई रिसर्च इस बात का दावा करती है कि हद से ज्यादा चाय पीने से फर्लिटी पर बुरा असर पड़ता है.
कैफीन कब आपके शरीर के लिए होती है खतरनाक?
वहीं हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि अगर आप पूरे दिन में 200 मिलीग्राम कैफीन से कम लेते हैं तो इसका आपके फर्टिलिटी और प्रेग्नेंसी पर कोई खास असर नहीं होता है. यह पूरी तरह से सेफ है. लेकिन अगर आप 300 मिलीग्राम से ज्यादा कैफीन का इस्तेमाल करते हैं तो इसका फर्टिलिटी पर गंभीर असर होता है. वहीं ज्यादा चाय पीने से महिलाओं को कंसीव करने में दिक्कत होती है. इसके कारण पुरुषों का स्पर्म काउंट और इसके क्वालिटी पर भी बुरा असर पड़ता है.
किसी उम्र में कैफीन इनटेक ज्यादा नहीं होना चाहिए?
फोर्टिस हॉस्पिटल की डॉक्टर रीमा सरकार के मुताबिक कैफीन एक एक्साइटिंग चीज है. जो आपके सेंट्रल नर्वस सिस्टम को एक्टिव करने के साथ-साथ पूरे शरीर को एनर्जेटिक बनाए रहती है. सिर्फ इतना ही नहीं ये फोकस बनाए रखने में भी मदद करती है. लेकिन बात जब कैफीन और फर्टिलिटी में कनेक्शन की आती है तो यह पूरी तरह से सेहत और उम्र और लाइफस्टाइल पर निर्भर करती है. अगर आपकी उम्र 35-40 के बीच की है. तो हद से ज्यादा कैफीन पीने से इसका सीधा असर आपकी फर्टिलिटी पर पड़ता है. आईवीएफ और फर्टिलिटी एक्सपर्ट के मुताबिक पुरुषों और महिलाओं पर कैफीन का असर अलग-अलग होता है.
हद से ज्यादा कैफीन का असर महिलाओं पर होता है कुछ ऐसा
अगर महिलाएं काफी ज्यादा मात्रा में कैफीन का इस्तेमाल करती हैं तो इसका सीधा असर ओव्यूलेशन पर पड़ता है. इसके कारण अंडे बनने और समय पर बाहर आने का पूरा प्रोलेल स्लो हो सकता है. सिर्फ इतना ही नहीं कंसीव करने में भी दिक्कत हो सकती है.
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अगर प्रेग्नेंसी के दौरान काफी ज्यादा चाय-कॉफी का इस्तेमाल किया जा रहा है तो मिसकैरेज और प्री-मैचयूर बर्थ का जोखिम बढ़ता है.
कैफीन पूरे पीरियड्स साइकिल को भी प्रभावित करता है. जिसके कारण महिला को कंसीव करने में दिक्कत हो सकती है.
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