पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत की तिराह घाटी में स्थित मत्रे गांव में सोमवार (22 सितंबर, 2025) को पाकिस्तानी एयरफोर्स की स्ट्राइक के बाद 30 लोगों की मौत हो गई, जिसमें कई बच्चे भी शामिल थे. बच्चों के जनाजे को कब्रिस्तान दफनाने के लिए ले जाते समय हृदयविदारक तस्वीर सामने आई, जब पाकिस्तानी सेना की स्ट्राइक में मारे गए डेढ़ साल के बच्चे को एक युवक ने गोद में उठाकर रो-रोकर पाकिस्तानी सेना और सरकार से पूछा कि क्या ये बच्चा भी आतंकी था, इसकी क्या गलती थी?


पाकिस्तानी सेना की स्ट्राइक में जानकारी के मुताबिक, 11 के आसपास नाबालिगों की मौत हुई है, जिसमें डेढ़ साल से लेकर 6 साल तक के बच्चे शामिल हैं. घटना खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत के जिस मत्रे गांव में हुई थी, वो अफरीदी कबीला बाहुल्य इलाका था, जिसके बाद गांव में ही सोमवार दोपहर में अफरीदी नेताओ ने बैठक की और संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही आसपास के अफरीदी कबीले के लोग घटना के विरोध में पेशावर स्थित पाकिस्तानी एयरफोर्स और स्टेशन का भी घेराव कर सकते हैं.


एयरस्ट्राइक में 40 से अधिक मौतें


बताते चलें पाकिस्तानी सेना पिछले 4 हफ्तों से कथित रूप से आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान के ठिकानों पर एयरस्ट्राइक करने का दावा कर रही है, लेकिन ज्यादातर मामलों में इन एयरस्ट्राइक में आम लोगों के मारे जाने के मामले सामने आ रहे हैं और अब तक एक महीने में 40 से अधिक आम लोग पाकिस्तानी सेना की स्ट्राइक में मारे जा चुके हैं. 


घटना की तत्काल और निष्पक्ष जांच की मांग


पाकिस्तानी सेना की ओर से खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत की तिराह घाटी में स्थित मत्रे गांव में किए गए नरसंहार का पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने भी संज्ञान लिया है और बयान जारी करके कहा कि पाकिस्तानी मानवाधिकार आयोग को यह जानकर गहरा झटका लगा है कि खैबर पख्तूनख्वा के खैबर जिले के तिराह में हवाई बमबारी के परिणामस्वरूप कई नागरिकों, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं, की मौत हो गई है. 


ऐसे में पाकिस्तानी मानवाधिकार आयोग मांग करता है कि अधिकारी इस घटना की तत्काल और निष्पक्ष जांच कराएं और जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराएं. साथ ही राज्य संवैधानिक रूप से सभी नागरिकों के जीवन के अधिकार की रक्षा करने के लिए बाध्य है, जिसे वह बार-बार सुरक्षित करने में विफल रहा है.


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