बांग्लादेश में जब से मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार का गठन हुआ है, तब से पाकिस्तान के साथ उसके संबंध काफी सुधर गए है. इस वजह से पहली बार कोई पाकिस्तानी नौसैनिक पोत बीते 54 सालों में चटगांव बंदरगाह पर पहुंचा है. पाकिस्तान नौसेना का PNS सैफ, जो चीन निर्मित F-22पी जुल्फिकार वर्ग का मिसाइल फ्रिगेट है. ये 4 दिनों के लिए बांग्लादेश पहुंचा है. यह वही बांग्लादेश है, जिसे 1971 में भारत ने उसके पश्चिमी हिस्से तत्कालीन पश्चिमी पाकिस्तान की दमनकारी सत्ता से स्वतंत्र कराया था, इसलिए इस दौरे का ऐतिहासिक और राजनीतिक महत्व अत्यंत गहरा है.
बांग्लादेश नौसेना ने अपने फेसबुक पोस्ट में जहाज के आने की पुष्टि की है. उन्होंने जानकारी दी कि कैप्टन शुजात अब्बास राजा के नेतृत्व में आए इस पोत का स्वागत चटगांव नौसेना क्षेत्र के कमांडर और पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारियों ने गर्मजोशी से किया. जहाज के बांग्लादेशी जलक्षेत्र में प्रवेश के समय BNS शादीनोता ने औपचारिक स्वागत किया.
कूटनीतिक संकेत और भारत की चिंताएं
यह यात्रा ऐसे समय में हुई है, जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को धूल चटा दी थी. इसके विपरीत, ढाका में नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार पाकिस्तान के साथ अपने पुराने संबंधों को दोबारा से सही करने की कोशिश में लगे हुए हैं.
चीन का प्रभाव और क्षेत्रीय समीकरण
PNS सैफ का निर्माण चीन में हुआ है. इसे 2010 में पाकिस्तानी नौसेना में शामिल किया गया था. यह बात भारत के राजनीतिक विशेषज्ञों के लिए और भी अधिक संवेदनशील है, क्योंकि चीन न केवल पाकिस्तान का सबसे बड़ा रक्षा साझेदार है, बल्कि बांग्लादेश के साथ भी नौसेना सहयोग को गहरा कर रहा है.
अमेरिकी युद्धपोत की यात्रा का संदर्भ
एक महीने पहले अमेरिकी नौसेना का USA फिट्जगेराल्ड 3 दिन के लिए बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह पहुंचा था. USA फिट्जगेराल्ड आर्ले बर्क वर्ग का मिसाइल विध्वंसक है. इससे यह साफ पता चलता है कि बांग्लादेश अब अपने बंदरगाहों को वैश्विक नौसैनिक कूटनीति का केंद्र बना रहा है. जहां अमेरिका, पाकिस्तान और चीन जैसी बड़ी शक्तियां अपनी मौजूदगी दर्ज करा रही हैं.
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