Justice For Students: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने देश में लगातार हो रहे पेपर लीक मामलों पर गहरी चिंता जताई है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा "6 राज्यों में 85 लाख बच्चों का भविष्य खतरे में है. पेपर लीक हमारे युवाओं के लिए सबसे खतरनाक 'पद्मव्यूह' बन चुका है." उनके इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है.


राहुल गांधी ने पेपर लीक को उन छात्रों और उनके परिवारों के लिए एक गंभीर संकट बताया जो पूरी मेहनत और लगन से एग्जाम की तैयारी करते हैं. उन्होंने कहा कि ये सिर्फ एक परीक्षा का मुद्दा नहीं है बल्कि यह उन लाखों युवाओं के सपनों पर प्रहार है जो अपनी मेहनत के दम पर सफलता हासिल करना चाहते हैं. पेपर लीक न केवल उनके परिश्रम को बेकार कर देता है बल्कि ये समाज में गलत संदेश भी फैलाता है कि बेईमानी, कड़ी मेहनत से ज्यादा कारगर हो सकती है.






सरकार पर साधा निशाना


राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि अभी एक साल भी नहीं बीता जब NEET पेपर लीक ने पूरे देश को झकझोर दिया था. उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने उस समय नया कानून लाकर इसे हल करने की बात कही थी, लेकिन हाल के घटनाक्रम ने ये साबित कर दिया कि सरकार का यह कदम पूरी तरह विफल रहा है.


सभी राजनीतिक दलों से एकजुट होने की अपील


उन्होंने पेपर लीक को एक सिस्टेमेटिक फेलियर करार देते हुए कहा कि इस समस्या का समाधान केवल किसी एक पार्टी या सरकार के बस की बात नहीं है. सभी राजनीतिक दलों और सरकारों को मिलकर इस पर कड़े कदम उठाने होंगे ताकि परीक्षाओं की गरिमा बनी रहे और छात्रों का भविष्य सुरक्षित रह सके. उन्होंने इस मुद्दे पर ठोस कार्यवाही की मांग करते हुए कहा कि ये हर छात्र का अधिकार है और इसे हर हाल में सुनिश्चित किया जाना चाहिए.


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