Papmochani Ekadashi 2025: आज पापमोचिनी एकादशी है. धार्मिक मान्यता है कि पापमोचनी एकादशी व्रत के प्रभाव से पिशाच योनि से मुक्ति दिलाता है और साधक के हर पाप खत्म करता है. इस व्रत की महीमा स्वंय ब्रह्म देव ने नारद जी को बताई थी. 


पापमोचिनी एकादशी का व्रत संतान प्राप्ति, जीवन में खुशहाली, वैवाहिक सुख और प्रायश्चित करने के लिए रखा जाता है. हिंदू धर्म में कोई भी व्रत तब सफल होता है जब नियम अनुसार उसका पालन किया जाए, यही वजह है कि एकादशी व्रत के साथ उसके पारण का भी महत्व है. पापमोचिनी एकादशी व्रत का पारण कब किया जाएगा, क्या है मुहूर्त, नियम जान लें.


पापमोचिनी एकादशी 2025 व्रत पारण समय


पापमोचिनी एकादशी का व्रत पारण 26 मार्च 2025 को दोपहर 1.39 से शाम 4.06 मिनट के बीच करना शुभ होगा. पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय सुबह 09.01 मिनट.


पापमोचिनी एकादशी व्रत कैसे खोलें


पापमोचिनी एकादशी का व्रत 24 घंटे के लिए किया जाता है. एकादशी की सुबह से लेकर द्वादशी की सुबह पारण मुहूर्त तक. द्वादशी वाले दिन श्रीहरि विष्णु जी की विधिवत पूजा करें, उन्हें हार, रोली, भोग अर्पित करें. फिर ब्राह्मण को भोजन कराएं. दान दक्षिणा दें, पक्षियों और पशुओं को खाना खिलाएं इसके बाद ही स्वंय भोजन ग्रहण करें. कहते हैं इस विधि से एकादशी व्रत पारण किया जाए तो उसका पुण्य फल जल्द प्राप्त होता है.


पापमोचिनी एकादशी व्रत पारण में इन बातों का ध्यान रखें



  • एकादशी का पारण तुलसी पत्ते से ही करना चाहिए लेकिन द्वादशी तिथि को भी व्रती को तुलसी का पत्ता तोड़ने की मनाही होती है. ऐसे में घर के किसी दूसरे सदस्य जिसने व्रत न किया हो उसे तुलसी का पत्ता तोड़ने के लिए कहें.

  • एकादशी का पारण करते समय सबसे पहले भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी से अपनी गलतियों और अनजाने में हुए पाप के लिए क्षमा मांगे.

  • द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले व्रत पारण कर लें, नहीं तो पाप के भागी बनते हैं.


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