पाकिस्तान के क़ब्ज़े वाले कश्मीर में आज गृह युद्ध जैसे हालत हैं, लोग पाकिस्तानी पुलिस और पैरामिलिट्री फ़ोर्स फ्रंटियर कॉर्प्स की पिटाई कर रहे हैं, उनका लाठी-डंडा, हेलमेट, शील्ड छीन रहे हैं और पाकिस्तानी सरकार से परेशान क़ब्ज़े वाले कश्मीर के व्यापारियों ने पूरे PoK में दुकानें बंद करके लॉकडाउन लगा दिया है. 


मीरपुर हो या फिर मुजफ्फराबाद या फिर रावलकोट. हर जगह दुकानें बंद हैं और लोग पाकिस्तानी सरकार के ख़िलाफ़ सड़कों पर हैं. पाकिस्तान के क़ब्ज़े वाले कश्मीर में आज अवामी एक्शन कमेटी के बैनर तले पाकिस्तानी सरकार की कश्मीरियों के साथ भेदभाव के ख़िलाफ़ आज से बंद और प्रदर्शन शुरू हुआ है. इस बंद को कुचलने के लिए पाकिस्तानी सरकार ने 2 हज़ार से ज़्यादा पैरामिलिट्री के फ्रंटियर कॉर्प्स और इस्लामाबाद पुलिस के जवान पूरे पाकिस्तानी क़ब्ज़े वाले कश्मीर में तैनात किए हैं. 


पीओके की राजधानी मुज़फ़्फ़राबाद में भारी बवाल
पीओके की राजधानी मुज़फ़्फ़राबाद के कोहला इलाक़े से आई एक्सक्लूसिव तस्वीरों में देखा गया कि पाकिस्तानी सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के दैरान कश्मीरियों ने पाकिस्तान के गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली फ्रंटियर कॉर्प्स के जवानों की जमकर पिटाई की, उनका सामान लूटा जिसके बाद पुलिस ने पैरामिलिट्री के साथ मिलकर प्रदर्शनकारियों पर पथराव किया.


सड़कों पर उतरे लोग, पाक सरकार के खिलाफ नारेबाजी
पूरे पीओके में जहां एक तरफ़ दुकानें बंद हैं तो वहीं लोग सड़कों पर पाकिस्तानी सरकार के ख़िलाफ़ नारेबाजी कर रहे हैं और अपना हक़ मांग रहे हैं. असल में मांगला डैम, नीलम–झेलम प्रोजेक्ट जैसी परियोजनाएं पीओके की ज़मीन और नदियों से बिजली पैदा करती हैं, लेकिन कश्मीरी जनता को न बिजली का लाभ मिलता है और पैदा हुई बिजली में से 60 फ़ीसदी से बिजली पाकिस्तान के पंजाब प्रांत और अन्य हिस्सों को भेजी जाती है. 


पीओके की विधानसभा में पाकिस्तान की सरकार द्वारा 12 सदस्यों को नामित किया जाता है जो भारत के पास मौजूद कश्मीर से पीओके में आए हों, उनका कहना है कि ये सीटें स्थानीय जनता की आवाज़ को दबाती हैं और पाकिस्तान इन्हें अपने राजनीतिक हित साधने के लिए इस्तेमाल करता है. वैसे आज़ादी के बाद से ही जब से पाकिस्तान ने कश्मीर और गिलगिट बाल्टिस्तान के इलाकों पर क़ब्ज़ा किया है, तब से ही पाकिस्तान ने कश्मीर और कश्मीरियों का शोषण किया है. 


'चावल 301 रुपये और आटा 110 रुपये किलो'
पीओके में बड़ी यूनिवर्सिटी और मेडिकल कॉलेज बनाने के बजाए पाकिस्तान की सरकार ने पीओके में आतंक के कैम्प बनाए. पीओके में आज सिर्फ 6 सरकारी कॉलेज हैं और 2 मेडिकल कॉलेज जहां हर समय सुविधाओं का अभाव रहता है, जबकि अकेले में PoK में पाकिस्तान सरकार और सेना की मदद से आतंक के 12 से ज़्यादा अब्दुल्लाह बिन मसूद जैसे बड़े ट्रेनिंग कैम्प हैं और 20 से ज़्यादा मध्यम साइज के मरकज़ शोहदा ए कश्मीर जैसे ट्रेनिंग कैम्प स्थित हैं.


पाकिस्तानी सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे लोगों की एक बाड़ी मांग ये भी है की उन्हें आटा, चावल, दाल पर सरकार सब्सिडी दे, क्यूंकि पीओके में इस समय चावल 301 रुपये किलो है, आटा 110 रुपये किलो, मसूर की दाल 360 रुपये किलो और अरहर की दाल 710 पाकिस्तानी रुपये, जबकि भारत के साथ अगर तुलना करें तो भारत के प्रीमियम बासमती चावल 110 रुपये किलो, आटा 42 रुपये किलो और अरहर की दाल 112 रुपये किलो है.


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