Air Pollution During Pregnancy: ठंड आते ही देश की राजधानी दिल्ली गैस चैंबर की तरह दिखने लगती है. हर तरफ प्रदूषण का कहर दिखाई देने लगता है. सोमवार 17 नवंबर को कई जगह एक्‍यूआई लेवल 400 के पार दर्ज किया गया है, जो गंभीर स्तर माना जाता है. डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे प्रदूषित इलाकों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं में प्री-टर्म डिलीवरी (37 हफ्ते से पहले जन्म). कम वजन वाले बच्चे. स्टिलबर्थ और गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है. आइए समझते हैं कि प्रदूषण मां और उसके होने वाले बच्चे को कैसे प्रभावित करता है और इससे बचाव के तरीके क्या हैं.


गर्भवती महिला और भ्रूण पर प्रदूषण के खतरे


सर्दियों में हर साल अस्पताल खांसी. सर्दी. दमा और सांस की दिक्कत वाले मरीजों से भर जाते हैं. लेकिन असल नुकसान उस बच्चे को भी होता है. जो अभी मां के गर्भ में है. Americanpregnancy नॉर्मल गर्भावस्था में आमतौर पर 38 से 40 हफ्तों के बीच छह से नौ पाउंड वजन वाला बच्चा जन्म लेता है. पांच पाउंड आठ औंस से कम वजन वाले बच्चे को “लो बर्थ वेट” माना जाता है. इसके कई कारण हो सकते हैं. लेकिन माना जाता है कि गर्भावस्था के दौरान एयर पॉल्यूशन के संपर्क में आना भी इस समस्या का एक बड़ा कारण बन सकता है. हवा में मौजूद जहरीले कण प्लेसेंटा तक पहुंचकर मां और बच्चे दोनों को नुकसान पहुंचा सकते हैं.


गर्भवती महिलाओं में प्रदूषण के कारण हाई ब्लड प्रेशर. सांस फूलना या अस्थमा का अटैक हो सकता है. जिससे बच्चे पर सीधा असर पड़ता है. कई शोधों में यह भी पाया गया है कि गर्भ में प्रदूषण के संपर्क में आने वाले बच्चों में आगे चलकर अस्थमा की समस्या होने की संभावना अधिक रहती है.


प्रेग्नेंसी में प्रदूषण से बचने के तरीके


अगर आपको अपने बच्चे की सेहत का ख्याल रखना है. तो आपको कुछ नियमों का पालन करना होगा. जैसे कि-


घर में रहें


इसमें पहले नम्बर पर आता है कि घर में रहें. गर्भवती महिलाओं पर प्रदूषण का असर ज्यादा तेज़ पड़ता है. इसलिए खासकर पीक पॉल्यूशन टाइम में बाहर जाने से बचें.


भरपूर पानी पिएं


शरीर को हाइड्रेट रखने से टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं और खांसी-जैसी दिक्कतें भी कम होती हैं. पानी अंगों को स्वस्थ रखता है.


बाहर जाएं तो मास्क पहनें


एक अच्छी मेडिकल या N95 मास्क हवा में मौजूद हानिकारक कणों को काफी हद तक फिल्टर कर देता है.


घर की हवा शुद्ध रखें


अपने घर को सुरक्षित माहौल बनाएं. अंदर पौधे लगाएं. एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें और खराब AQI के समय खिड़कियां बंद रखें.


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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.