बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी-बीडी) ने सोमवार (17 नवंबर 2025) को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ अपना फैसला सुनाया है. पिछले साल छात्र नेतृत्व वाले आंदोलन के दौरान मानवता के खिलाफ कथित अपराधों के लिए उन पर उनकी अनुपस्थिति में मुकदमा चलाया जा रहा था. इस आंदोलन के कारण हसीना की आवामी लीग पार्टी की सरकार गिर गयी थी. इस मामले को लेकर अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी-बीडी) पूर्व प्रधानमंत्री को दोषी ठहराया है. उन्हें आंदोलन का मास्टरमांइड करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है.



अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी-बीडी) ट्रिब्यूनल ने फैसला सुनाते हुए 5 मुख्य आरोपों को शामिल किया था, जो इस प्रकार है:


1. प्रदर्शन को कुचलने की मास्टरमाइंड, प्रदर्शनकारियों को मरवाया
2. हेलीकॉप्टर और ड्रोन के जरिए सिविलयन पर फायरिंग कराई
3. छात्र कार्यकर्ता की हत्या करवाई
4. हिंसा भड़काने के लिए बयान
5. मानवता के खिलाफ अपराध


न्यायाधीश के फैसले में जरूरी बात
न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए कई तरह की बातों को शामिल किया गया, जो इस प्रकार है:



  • शेख हसीना ने जुलाई-अगस्त 2024 के विरोध प्रदर्शनों के दौरान सत्ता पर काबिज रहने के लिए बल का प्रयोग किया.

  • ICT के एक न्यायाधीश ने एक जांच रिपोर्ट पढ़ते हुए कहा कि शेख हसीना सरकार ने एक डॉक्टर को धमकाया और छात्र कार्यकर्ता अबू सईद की पोस्टमार्टम रिपोर्ट 4-5 बार बदलवाई.

  • ढाका-ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने आगजनी, कॉकटेल विस्फोट या पुलिस एवं नागरिकों को नुकसान पहुंचाने के प्रयास में शामिल किसी भी व्यक्ति को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया है.

  • ICT के एक जज ने एक जांच रिपोर्ट पढ़ते हुए कहा कि हसीना ने प्रदर्शनकारियों को मारने के लिए हेलीकॉप्टरों और घातक हथियारों के इस्तेमाल का आदेश दिया था. वह हसीना और दक्षिण ढाका नगर निगम के पूर्व मेयर शेख फजले नूर तपोश के बीच हुई कथित बातचीत का अंश पढ़ रहे थे.

  • ICT के एक न्यायाधीश ने कहा कि बांग्लादेशी सेना ने 5 अगस्त को ढाका में प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं. प्रदर्शनकारियों को डराने के लिए हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया गया. उन्होंने एक रिपोर्ट पढ़ते हुए कहा कि घायल प्रदर्शनकारियों को चिकित्सा सहायता और इलाज देने से इनकार कर दिया गया.

  • न्यायाधिकरण ने कहा कि शेख हसीना ने नफरत भरे भाषण दिए और शकील नामक एक सहयोगी के साथ फोन पर हुई बातचीत में उससे अपने खिलाफ दर्ज मामलों से जुड़े 226 लोगों को मारने के लिए कहा था.


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