मिस्र के शर्म अल-शेख रिसॉर्ट में सोमवार (13 अक्टूबर) को गाजा युद्ध को खत्म करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय शांति सम्मेलन आयोजित किया गया. इसमें तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन, जर्मनी के चांसलर, कतर के अमीर, मिस्र के राष्ट्रपति, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, और ब्रिटेन, फ्रांस और जॉर्डन के प्रमुख शामिल हुए. सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य गाजा में जारी संघर्ष को रोकना और क्षेत्र में स्थायी शांति की दिशा तलाशना था.


एर्दोगन ने जॉर्जिया मेलोनी से पूछ दिया ये सवाल


सम्मेलन के दौरान एर्दोगन काफी एक्टिव और मिलनसार नजर आए. उन्होंने कई नेताओं से द्विपक्षीय बातचीत की और माहौल को हल्का-फुल्का बनाए रखा. उन्होंने माजिकया अंदाज में इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी से कहा कि उन्हें स्मोकिंग छोड़ देनी चाहिए. इस दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भी पास थे और उनकी हंसी सुनाई दी.


मेलोनी ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया कि अगर उन्होंने स्मोकिंग छोड़ दी तो शायद वे कम सामाजिक हो जाएगी. एर्दोगन ने इस मौके पर यह भी कहा कि तुर्की एक ‘स्मोक-फ्री फ्यूचर’ की दिशा में काम कर रहा है और वे जहां भी जाते हैं लोगों को सिगरेट छोड़ने के लिए प्रेरित करते हैं.


सम्मेलन में सबसे ज्यादा चर्चा इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की अनुपस्थिति की रही. उनके ऑफिस ने पहले ही स्पष्ट किया था कि वे इसमें शामिल नहीं होंगे. सूत्रों के अनुसार, एर्दोगन और कुछ अन्य नेताओं ने उनकी संभावित भागीदारी पर आपत्ति जताई.






अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने क्या कहा?


संयुक्त बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी ने ऑनलाइन संदेश भेजकर सभी पक्षों से संयम बरतने और मानवीय सहायता बढ़ाने की अपील की.


शर्म अल-शेख सम्मेलन मध्य पूर्व संकट के बीच एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक मंच साबित हुआ, जहां सभी देशों ने यह दोहराया कि गाजा में स्थायी शांति तभी संभव है जब सभी पक्ष हिंसा छोड़कर बातचीत का रास्ता अपनाएं.


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