गाजा शांति योजना के पहले चरण का आगाज सोमवार (13 अक्तूबर 2025) को बंधकों की रिहाई से शुरू हो गया. गाजा में बचे हुए सभी 20 बंधकों को दो साल के युद्ध के बाद हमास की कैद से मुक्त कर दिया गया है और इजरायल वापस भेज दिया गया है। गाजा पट्टी में स्थायी शांति के लिए मिस्र के शर्म अल-शेख में शांति शिखर सम्मेलन होने जा रहा है, जिसके लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप वहां पहुंच गए हैं. 


इराक के पीएम ने नेतन्याहू को दी चेतावनी


इस सम्मेलन में पहुंचे इराकी प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी ने इजरायल को चेतावनी दे दी है. इराकी न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक गाजा शिखर सम्मेलन से पहले इराक के पीएम ने मिस्र और अमेरिकी अधिकारियों को सूचित किया कि यदि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू इसमें भाग लेंगे तो वे शिखर सम्मेलन से हट जाएंगे.


गाजा सम्मेलन में नहीं जाएंगे नेतन्याहू 


इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इससे पहले ही समय की कमी का हवाला देते हुए गाजा शांति शिखर सम्मेलन में भाग लेने से मना कर दिया था. टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के मुताबिक उस समय यहूदी त्योहार सिमहत तोराह पड़ता है और नेतन्याहू किसी भी यहूदी त्योहारों पर यात्रा करने से बचते हैं.


इस शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल-फतह अल-सिसी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप संयुक्त रूप से कर रहे हैं. इसमें भाग लेने वाले नेताओं में ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर, इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस शामिल हैं.


गाजा में शांति लाने को लेकर पीएम मोदी ने की ट्रंप की तारीफ


गाजा में शांति लाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की तारीफ की. पीएम मोीद ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, हम दो साल से अधिक समय तक बंधक बनाकर रखे गए इजरायली बंधकों की रिहाई का स्वागत करते हैं. हम क्षेत्र में शांति लाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ईमानदार प्रयासों का समर्थन करते हैं." भारत की ओर से विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे.


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