Gujarat Govenor Acharya Devvra Visits Adani Vidya Mandir: गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने सोमवार 29 सितंबर 2025 को अहमदाबाद स्थित अडानी विद्या मंदिर का दौरा किया और वहां पढ़ रहे बच्चों के साथ मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने अडानी फाउंडेशन की जमकर तारीफ की. आचार्य देवव्रत ने कहा कि अडानी फाउंडेशन ने उन बच्चों को एजुकेशन पाने और अपना करियर बनाने का बड़ा मौका दिया है, जो संसाधनों के अभाव और गरीबी के चलते स्कूल में दाखिला लेने से वंचित रह जाते हैं.
गुजरात गवर्नर का बच्चों को गुरु मंत्र
गुजरात गवर्नर ने आगे कहा कि उन्होंने पांच गुरुकुल खोले और 35 साल तक बच्चों को पढ़ाया है. इनमें करीब पांच हजार बच्चे बढ़ते थे, जिनके खाने-पीने से लेकर रहने तक की गुरुकुल में ही व्यवस्था की जाती थी. अपने संदेश में उन्होंने अडानी विद्या मंदिर में बढ़ रहे बच्चों से कहा कि कभी भी जीवन में न अपने अंदर हीन भावना आने देना और न ही यह सोचना कि अमीर परिवार में पैदा नहीं हुए. साथ ही ऐसा भी मत सोचना कि मकान, कपड़े, स्कूल-किताबें और महंगी गाड़ियां नहीं मिलीं. क्योंकि ईश्वर जब दुनिया में किसी को भेजते हैं तो वे हर एक को इतनी शक्ति देते हैं कि अगर वह मेहनत करेगा तो उसके लिए सभी रास्ते खुल सकते हैं.
#WATCH | Gujarat Governor Acharya Devvrat visits Adani Vidya Mandir in Ahmedabad. pic.twitter.com/iuRehdNt2s
— ANI (@ANI) September 29, 2025
कलाम की संघर्षपूर्ण कहानी
आचार्य देवव्रत ने बच्चों के साथ मुलाकात में पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम की संघर्षपूर्ण कहानी का भी जिक्र किया और कहा कि अगर महापुरुषों की जिंदगी पर नजर डालें तो डॉक्टर कलाम का जीवन सबसे ज्यादा संघर्ष से भरा रहा. इसके बावजूद कलाम ने मेहनत की और भारत के राष्ट्रपति बने.
उन्होंने कहा कि इतिहास यह साझा करता है कि जब भी छोटी उम्र में जिन लोगों ने मेहनत की, व्यसनों से दूर रहे और संस्कारी बने, उसके बाद कोई भी दुनिया की ताकत उन्हें आगे बढ़ने से नहीं रोक पाई. गुजरात गवर्नर ने बच्चों से कहा कि इसका पहला उदाहरण आप सभी हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत और माता-पिता के सहयोग से अडानी विद्या मंदिर का एंट्रेंस एग्जाम पास किया.
गौरतलब है कि देशभर में चार अडानी विद्या मंदिर हैं- गुजरात के अहमदाबाद और भद्रेश्वर, छत्तीसगढ़ के सरगुजा और आंध्र प्रदेश के कृष्णपट्टनम में. यहां आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों की पढ़ाई तीसरी से 12वीं तक बिल्कुल मुफ्त होती है. यहां बच्चों का एडमिशन एंट्रेंस टेस्ट के आधार पर लिया जाता है.

 
             
                     
                                             
                                             
                                             
         
                     
                    