भारत और अफगानिस्तान के बीच द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत करने के लिए जारी संयुक्त बयान के एक दिन बाद ही पाकिस्तान ने कड़ी आपत्ति जताई है. पाकिस्तान ने न केवल संयुक्त बयान के कुछ अंशों पर नाराजगी जताई, बल्कि अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुतक्की के भारत दौरे के दौरान दिए गए बयानों को लेकर भी तीखी प्रतिक्रिया दी है.


पाकिस्तान ने कश्मीर के जिक्र पर जताई आपत्ति


पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि संयुक्त बयान में जम्मू-कश्मीर को भारत का हिस्सा बताया जाना संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संबंधित प्रस्तावों का स्पष्ट उल्लंघन है. इस पर पाकिस्तान ने अपनी गंभीर आपत्तियां भारत और अफगानिस्तान दोनों को औपचारिक रूप से जताई हैं. पाकिस्तान ने यह आपत्ति अतिरिक्त विदेश सचिव (पश्चिम एशिया और अफगानिस्तान) को भी दी है.


10 अक्टूबर को जारी भारत-अफगानिस्तान के संयुक्त बयान में, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अफगानिस्तान का धन्यवाद किया था कि उन्होंने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की थी. दोनों देशों ने आतंकवाद की हर प्रकार की कार्रवाई की निंदा की और क्षेत्र में शांति, स्थिरता और आपसी भरोसे को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया.


मुतक्की के बयानों से भड़का पाकिस्तान


संयुक्त बयान के अलावा, पाकिस्तान ने अफगान विदेश मंत्री अमीर खान मुतक्की के उस बयान पर भी आपत्ति जताई जिसमें उन्होंने कहा था कि आतंकवाद पाकिस्तान की आंतरिक समस्या है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसने अफगानिस्तान को पहले ही यह जानकारी दी थी कि कई आतंकी संगठन अफगान धरती से पाकिस्तान पर हमले कर रहे हैं. मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान पर जिम्मेदारी डालने से अफगान अंतरिम सरकार अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती. क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखना अफगानिस्तान की जिम्मेदारी है.


मुतक्की ने पाकिस्तान को बताया जिम्मेदार


गौरतलब है कि भारत दौरे से ठीक पहले मुतक्की ने अफगानिस्तान में हुए धमाकों के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने कहा था, “हम पाकिस्तान की इस कार्रवाई को गलत मानते हैं. समस्याएं इस तरह हल नहीं होतीं. हमने बातचीत का दरवाजा खुला रखा है. अफगानिस्तान में 40 साल बाद शांति और विकास लौटा है.”


अवैध अफगान नागरिकों पर पाकिस्तान का बयान


पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस विवाद के बीच यह भी कहा कि अवैध अफगान नागरिकों को देश में नहीं रहने दिया जा सकता. मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि विदेशी नागरिकों की मौजूदगी को नियंत्रित करना पाकिस्तान का अधिकार है.


तालिबान के 2021 में सत्ता में आने के बाद यह पहली बार था जब अफगान विदेश मंत्री भारत आए. शुक्रवार को नई दिल्ली में उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की. मुलाकात के दौरान मुतक्की ने भरोसा दिलाया कि अफगानिस्तान अपनी जमीन का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ नहीं होने देगा.


मुतक्की ने कहा, “मुझे दिल्ली आकर खुशी हुई. यह दौरा भारत और अफगानिस्तान के बीच समझ और सहयोग को बढ़ाएगा. दोनों देशों को अपने संबंध और संवाद को और मजबूत करना चाहिए. हम किसी भी समूह को अपनी धरती का गलत इस्तेमाल नहीं करने देंगे.”


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