Egg Freezing Cost in India : आज की भागती-दौड़ती और तेज लाइफस्टाइल में कई लोग करियर, हेल्थ या पर्सनल वजहों से पैरेंटहुड को टालना चाहते हैं. यानी फैमिली प्लानिंग लेट करते हैं. हालांकि, इसमें कई खतरे भी होते हैं. जिनसे बचने के लिए एग फ्रीजिंग (Egg Freezing) और स्पर्म फ्रीजिंग (Sperm Freezing) जैसी तकनीकें बेहतरीन विकल्प अपनाए जाते हैं. लेकिन बहुत से लोगों को इसकी जानकारी ही नहीं होती है. ऐसे में आइए जानते हैं आखिर ये प्रक्रिया क्या होती हैं और इनमें कितना खर्च आता है...
एग या स्पर्म फ्रीजिंग क्या होती है
एग फ्रीजिंग में महिलाओं के एग्स (अंडाणु) को जमा कर उन्हें भविष्य में गर्भधारण (Pregnancy) के लिए फ्रीज कर दिया जाता है. पुरुषों के लिए स्पर्म फ्रीजिंग का ऑप्शन होता है. इसमें उनके स्पर्म को जमा कर लंबे समय तक स्टोर किया जाता है, जिससे आने वाले समय में IVF या IUI (Intrauterine insemination) के जरिए पैरेंट्स बनना यानी प्रेगनेंसी संभव हो सके.
एग फ्रीजिंग में कितना खर्च आता है
एग निकालने की प्रक्रिया (Egg Retrieval)- 30,000-80,000 रुपए
दवाएं और हार्मोनल ट्रीटमेंट- 50,000-70,000 रुपए तक
1 साल के लिए एग फ्रीजिंग और स्टोरेज- 30,000-50,000 रुपए तक
कुल अनुमानित खर्च- 1.5 लाख से 2 लाख तक
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स्पर्म फ्रीजिंग का खर्चा
एक बार का स्पर्म कलेक्शन और फ्रीजिंग- 5,000-10,000 रुपए
सालाना स्टोरेज फीस- 3,000-6,000 रुपए तक
5 साल के स्टोरेज का कुल अनुमानित खर्च- 20,000-40,000 रुपए तक
एग या स्पर्म फ्रीजिंग कब करवाई जाती है
देर से शादी या करियर फोकस्ड लाइफ
कैंसर ट्रीटमेंट से पहले
हार्मोनल या मेडिकल प्रॉब्लम्स
ट्रांसजेंडर ट्रांजिशन के दौरान
IVF में देरी की प्लानिंग
एग या स्पर्म फ्रीजिंग फायदे
फर्टिलिटी सुरक्षित रहती है
भविष्य में कंसीव करने का विकल्प खुला रहता है
मेडिकल कारणों से जरूरत पड़ने पर काम आ सकता है
एग या स्पर्म फ्रीजिंग के रिस्क
सफलता की गारंटी नहींl
हार्मोनल बदलाव के साइड इफेक्ट्स
खर्च थोड़ा ज्यादा हो सकता है
क्या बीमा कवर भी करता है ये खर्च
भारत में ज्यादातर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसीज फर्टिलिटी ट्रीटमेंट्स को कवर नहीं करती हैं, लेकिन कुछ प्रीमियम प्लान्स अब धीरे-धीरे IVF और एग या स्पर्म फ्रीजिंग जैसी सर्विसेज को भी कवर करने लगे हैं, इसलिए जब भी इंश्योरेंस लें तो इसकी जांच जरूर करें.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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