वैश्विक रूप से शक्तिशाली देशों से मुकाबला करने के लिए ईरान नई और उन्नत मिसाइलों और ड्रोनों का विकास कर रहा है. इसी बीच शनिवार (20 सितंबर, 2025) को तेहरान के आसमान पर एक रहस्यमयी वस्तु देखी गई, जिसको लेकर चर्चा थी कि ये रहस्यमयी चीज ईरान की ओर से विकसित उन्नत मिसाइल है.
अब रविवार (21 सितंबर, 2025) को ईरान के एक सांसद ने सच से पर्दा उठाते हुए कहा कि वायरल हुए एक वीडियो में ईरान के आसमान में दिख रहा ये मिसाइल प्रक्षेपण एक ICBM (अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल) का सफल परीक्षण था. यह मिसाइल स्पेस लॉन्च व्हीकल (SLV) तकनीक से बनाई गई है, जिसकी मारक क्षमता 10,000 किलोमीटर से ज्यादा है.
ICBM एयर टू सरफेस मिसाइल
ईरानी सांसद ने दावा किया कि यह मिसाइल अमेरिका और यूरोप तक भी पहुंच सकती है. यह नई मिसाइल एक एसएलवी (सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) से ली गई है, जो अंतरिक्ष कार्यक्रम का हिस्सा था. ईरान की यह सबसे उन्नत मिसाइल परीक्षण में से एक है. वीडियो में धुएं के निशान देखे गए, जिन्हें प्रक्षेपण का साक्ष्य बताया जा रहा है.
बता दें कि ICBM एक लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है, जो 5500 किलोमीटर से भी अधिक की दूरी पर स्थित लक्ष्यों को भेद सकती है. यह एयर टू सरफेस मिसाइल है और यह परमाणु हथियार भी ले जा सकती है.
ईरान के पास ICBM का कोई ठोस प्रमाण नहीं
हालांकि अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी (DIA, 2025) की एक रिपोर्ट में कहा गया कि अगर अभी निर्णय लिया जाता है तो ईरान 2035 तक एक ICBM विकसित कर सकता है. अभी ईरान के पास खोर्रमशहर-4 और फतह-2 जैसी 2000-3000 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें (MRBM) हैं, लेकिन ICBM का कोई ठोस प्रमाण नहीं है.
आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन की 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान का सिमोर्ग नाम का रॉकेट प्रोग्राम अभी शुरुआती यानी प्रोटोटाइप चरण में है. भविष्य में इसका इस्तेमाल लंबी दूरी की इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) बनाने के लिए किया जा सकता है, लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि ईरान के पास 3000 से अधिक मिसाइलें हैं, लेकिन उसके पास कोई ICBM नहीं है.
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