Baloch Protests against Pakistan : बलूचिस्तान में पिछले कई दशकों से जारी प्रताड़ना, दमन और शोषण को लेकर पाकिस्तानी सत्ता और पाकिस्तानी सेना का लगातार विरोध होता आया है. हालांकि, बलूचिस्तान की आवाज पाकिस्तान की कानों तक नहीं पहुंची, जिसके बाद अब बलोच लैंड में सशस्त्र क्रांति की आग भड़क चुकी है. वहीं, बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी, मजीद ब्रिगेड समेत कई संगठन पाकिस्तानी सत्ता और सेना को सीधी टक्कर दे रहे हैं.
बलूचिस्तान से लंबे समय से हजारों की संख्या में पुरुष लापता हुए हैं. ऐसे में पाकिस्तानी सेना के जुल्म के खिलाफ आमतौर पर पर्दे में रहने वाली बलोच लड़कियों ने इंकलाब का रास्ता चुन लिया है और पाकिस्तानी सत्ता और सेना का विरोध कर उनसे सीधे सवाल कर रही है. बता दें कि बलूचिस्तान की 3 ऐसी महिलाएं हैं, जिन्होंने अपने खुद के कौशल से पाकिस्तान का सिस्टम हिलाकर रख दिया है, फिर चाहे वह पाकिस्तानी सत्ता हो या पाकिस्तीनी सेना हो. इन महिलाओं में महरंग बलूच, सम्मी दीन बलूच, सीमा बलूच का नाम शामिल है.
महरंग बलूच ने बलूचिस्तान में जलाई प्रतिरोध की मशाल
32 साल की महरंग बलूच आज बलूचिस्तान में प्रतिरोध की एक आइकन बन चुकी है. 2009 में महरंग के पिता अब्दुल गफ्फार लैंगोव को सुरक्षा बलों में अगवा कर लिया था और 2011 में उनका शव मिला. जिसके बाद महरंग ने अपने निजी दुखों को एक बड़े मकसद में बदल दिया.
महरंग ने 2023 में तुर्बत से पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद तक 1600 किमी तक का एक मार्च किया. इसमें उनके साथ हजारों लोग शामिल हुए, जिनमें अधिकांश महिलाएं थीं. महरंग ने अपने शांतिपूर्ण आंदोलनों से इतना प्रभाव डाला कि बलूचिस्तान के लापता लोगों के मुद्दे को एक ग्लोबल फोरम प्रदान कर दिया. यहां तक की उनकी बेबाकी और साहस के लिए उन्हें 2024 में बीबीसी की 100 प्रभावशाली महिलाओं की लिस्ट में शामिल किया गया. वहीं, टाइम मैगजीन में उन्हें उभरते वैश्विक नेता के लिस्ट में जगह मिली. फिलहाल महरंग को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और उनपर कई आरोप लगाए हैं.
सम्मी दीन बलूच ने लापता लोगों के परिवारों की बनीं आवाज
महरंग बलूच के बाद इस लिस्ट में सम्मी दीन बलूच का नाम भी शामिल हैं, जो लापता हुए लोगों के परिवारों की आवाज बनकर उभरी हैं. वे वॉइस फॉर बलोच मिसिंग पर्सन्स की महासचिव और बीवाईसी की एक सक्रिय सदस्य भी है. सम्मी ने बलूचिस्तान में और बलूचिस्तान के बाहर के कई शहरों में ऐसे प्रदर्शनों में हिस्सा लिया और अपनी बात रखी. उनकी सक्रियता ने पाकिस्तानी सत्ता को हिलाकर रख दिया.
महिलाओं को संगठित करने के लिए सीमा बलूच ने उठाई आवाज
महरंग और सम्मी के अलावा सीमा बलूच BYC की एक और सशक्त और ताकतवर आवाज है. जिन्होंने पाकिस्तानी सत्ता के खिलाफ बलूच महिलाओं के संगठित किया और उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इसके अलावा महिलाओं के पुरानी रूढ़ियों को तोड़कर प्रताड़ना और जुल्म के खिलाफ सड़क पर उतरने के लिए प्रेरित किया.
