क्रेडिट कार्ड के आने से लोगों को जरूरी वक्त में पेमेंट करना काफी आसान हो गया है. महीने के आखिर में उसको पैसे चुकाने का पूरा वक्त भी दिया जाता है. इतना ही नहीं अगर क्रेडिट कार्ड से आप पैसे खर्च करते हैं तो आपको ईएमआई की सुविधा भी रहती है, मतलब अगर ज्यादा पैसे आपने खर्च किए, जिसे महीने में नहीं चुकाया जा सकता है तो फिर उसे ईएमआई में कन्वर्ट कराया जा सकता है. हालांकि, इसके लिए जीएसटी के साथ प्रोसेसिंग फीस और ब्याज दर लगाया जाता है. लेकिन ये आपके लिए चुकाने में आसान हो जाता है.
दूसरी तरफ अगर आप पर्सनल लोन लेते हैं तो उसे लेने के लिए बैंक से कुछ वक्त का समय लगता है, जब तक की उसका प्रोसेस पूरा न हो जाए. फिर उसे एक निश्चित ईएमआई हर महीने भरकर पैसे चुका सकते हैं. इन सबके बीच आइये ये जानने का प्रयास करते हैं कि आपके लिए कौन सा विकल्प बेहतर रह सकता है.
कौन सा बेहतर विकल्प?
पहली बात तो ये कि आप चाहे क्रेडिट कार्ड से लोन लें या फिर पर्सनल लो, दोनों ही अनसिक्योर्ड लोन की कैटगरी में आते हैं. कहने का मतलब ये है कि अगर आप अनसिक्योर्ड लोन चाहते हैं तो आपको दोनों कैटगरी के लोन लेने से ही क्रेडिट स्कोर बन पाएगा.
दूसरी बात ये है कि छोट-मोटे खर्च के लिए पर्सनल लोन की बजाय क्रेडिट कार्ड सबसे बेस्ट ऑप्शन रहता है. लेकिन अगर बड़ा खर्च हो तो उसके लिए बेहतर विकल्प पर्सनल लोन रह सकता है.
एक और बात जो ध्यान में रखने की है वो ये हर बैंक के क्रेडिट कार्ड पर अलग अलग प्वाइंट्स और चार्जेज लगते हैं. ऐसे में आपको ये खुद तय करना होगा कि आपके लिए बेहतर कौन सा विकल्प रहता है.
सूझबूझ से लें काम
दोनों के अपने अलग-अलग फायदे हैं, देखने ये पड़ता है कि आपका उसका इस्तेमाल कैसे कर रहे हैं. अगर आप ट्रेन, प्लेन या फिर होटल के कमरे बुक करते हैं तो क्रेडिट कार्ड से खर्च करने पर आपको कुछ निश्चित प्वाइंट्स दिए जाते हैं. इसमें क्रेडिट कार्ड पर कैशबैक भी दिए जाते हैं. लेकिन जब किसी बड़ी खर्च की जरूरत होती है उस स्थिति में पर्सनल लोन आपके लिए एक बेहतर विकल्प रह सकता है, जहां आपको एक निश्चित ब्याज दर पर चुकाने के लिए समय मिलता है.

 
             
                     
                                             
                                             
                                             
         
                     
                    