GST 2.0 complaints : गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) में रिफॉर्म 22 सितंबर, 2025 से लागू हैं. सोमवार, 29 अक्टूबर को उपभोक्ता मामलों के सचिव निधि खरे ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि जीएसटी 2.0 लागू करने के बाद से राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन(NCH) को इससे संबंधित हजारों शिकायतें मिली है. निधि खरे ने पत्रकारों को जानकारी दी कि "जीएसटी रिफॉर्म के बाद से राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन(NCH) को लगभग 3 हजार शिकायतें मिली है. जिसकी कार्रवाई के लिए सीबीआईसी (केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर व सीमा शुल्क बोर्ड) को शिकायतें भेजी जा रही हैं."
मंत्रालय कर रहा है निगरानी
खरे ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि उपभोक्ता मंत्रालय उन सभी मामलों पर कड़ी निगरानी रख रहा हैं. जिसके माध्यम से गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) दरों में कटौती का लाभ ग्राहकों को देने से बचने के लिए भ्रामक जानकारियां फैलाई जा रही है, और उपभोक्ताओं को धोखा दिया जा रहा है.
मंत्रालय कर रहा है AI और चैटबॉट का इस्तेमाल
खरे ने बताया कि मंत्रालय इन शिकायतों की सही सही जानकारी हासिल करने के लिए एआई और चैटबॉट का इस्तेमाल कर रही हैं. उन्होंने बताया कि खुदरा विक्रेता जीएसटी दरों में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचा रहे हैं. जिसके कारण सरकार ने अपनी निगरानी प्रणाली मजबूत करनी पड़ी है.
क्या है जीएसटी रिफॉर्म?
भारत के इनडायरेक्ट टैक्सेशन सिस्टम में ऐतिहासिक बदलाव 22 सितंबर से लागू किया गया था. जिसे जीएसटी रिफॉर्म के नाम से भी जाना जाता है. जीएसटी रिफॉर्म के तहत टैक्स सिस्टम को आसान बनाया गया और इसमें केवल 2 स्लैब रखे गए. 5 परसेंट और 18 परसेंट.
जीएसटी रिफॉर्म के तहत कई घरेलू सामान जो पहले 12 परसेंट टैक्स स्लैब के तहत आते हैं, उन्हें 5 परसेंट वाले स्लैब में लाया गया. जिससे रोज इस्तेमाल की जाने वाली चीजों के दामों में कमी आई. शैंपू, साबुन, टूथपेस्ट, बेबी प्रोडक्टस, डेयरी प्रोडक्ट्स सस्ते हुए.साथ ही तंबाकू, सिगरेट, सिन गुड्स पर 40 परसेंट की दर की टैक्स लगाई गई हैं. साथ ही लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर लगने वाले 18 परसेंट जीएसटी को भी खत्म किया गया है.
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