पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार (26 सितंबर, 2025) को संयुक्त राष्ट्र महासभा में बयान दिया था कि पाकिस्तान कश्मीरियों के साथ खड़ा हुआ है और कश्मीर में जनमत संग्रह की मांग करता है, लेकिन इस बयान के अभी 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से पाकिस्तान की क्रूरता की तस्वीरें सामने आने लगी, जहां निहत्थे कश्मीरियों पर पाकिस्तान की पुलिस ने फायरिंग की और मारपीट की.


भारतीय समयानुसार, शनिवार (27 सितंबर, 2025) को सुबह 10 बजे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के कोटली इलाके के खोई रट्टा गांव में आम लोग 6 साल की बच्ची के साथ पिछले महीने हुए बलात्कार के मामले पर इंसाफ के लिए प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर की निर्दयी पुलिस ने लोगों को हटाने के लिए AK-47 से अंधाधुंध गोलीबारी की. साथ ही पत्रकारों के साथ मारपीट की और उनका सामान लूटा.


पुलिस के खिलाफ नारेबाजी 


पाकिस्तानी पुलिस की इस बर्बरता में जानकारी के मुताबिक, 18 लोग गंभीर रूप से घायल हैं. साथ ही इलाके में पाकिस्तान की सरकार और पुलिस के खिलाफ लोग नारेबाजी कर रहे हैं और रैली निकाल रहे हैं. साथ ही स्थानीय लोगों ने पुलिस की क्रूरता के खिलाफ कोटली पुलिस स्टेशन में भी तोड़फोड़ की है और पथराव किया.


कश्मीरी नागरिकों में आजादी के नारे 


इस हफ्ते ये दूसरी घटना है, जब पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में पुलिस और आम नागरिक आमने-सामने आए हैं. इससे पहले गुरुवार को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद में कश्मीरी नागरिकों में आजादी के नारे लगाए थे. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि अगर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में जनमत संग्रह हो जाए तो PoK पाकिस्तान का इलाका नहीं रहने वाला है.


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