अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने के बाद दुनिया की राजनीति में बड़ा बदलाव हुआ. एक तरफ जहां रूस, भारत और चीन की तिकड़ी उभकर सामने आई है तो वहीं एक और गठजोड़ बनने के संकेत मिल रहे हैं जो ट्रंप की नींद उड़ा देने वाला है. चीन के खिलाफ क्वाड (QUAD) देशों का एक ग्रुप है जिसमें भारत, जापान और अमेरिका शामिल है. ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी ने इन देशों को अपनी सुरक्षा खुद मजबूत करने लिए बाध्य कर दिया है.
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए बनेगा नया गठजोड़?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय जापान दौरे पर हैं. तेजी से बदले जियोपॉलिटिक्स को देखें तो सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए क्वाड के बावजूद भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया अगल गठजोड़ बना सकते हैं? इस बात के संकेत इसलिए मिल रहे हैं क्योंकि पीएम मोदी की जापान यात्रा से ठीक पहले टोक्यो के व्यापार वार्ताकार रयोसेई अकाजावा ने गुरुवार (28 अगस्त 2025) को आखिरी समय में अपनी अमेरिका दौरा यात्रा स्थगित कर दी.
रयोसेई अकाजावा को अमेरिका में जापान की ओर से प्रस्तावित 550 अरब डॉलर के निवेश पैकेज की पुष्टि को औपचारिक रूप देना था, जो ट्रंप के दंडात्मक टैरिफ को कम करने के लिए था. रयोसेई अकाजावा को पैकेज के फाइनेंशियल स्टेटमेंट पर चर्चा करनी थी, जैसे कि दोनों देशों के बीच रिटर्न का बंटवारा कैसे होगा. हालांकि, जापान ने कहा कि कुछ बिंदुओं पर अभी भी अमेरिका के साथ प्रशासनिक स्तर पर चर्चा की जानी बाकी है.
ट्रंप के टैरिफ का ऑस्ट्रेलिया ने खुलकर किया विरोध
जापानी व्यापार वार्ताकार की अमेरिकी यात्रा को रद्द करना और ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग की ट्रंप की टैरिफ नीति की सार्वजनिक आलोचना करना, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अमेरिका के लिए चिंता का संकेत है. ये घटनाक्रम ऐसे समय में हो रहा है जब पीएम मोदी जापान के बाद SCO शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन जाएंगे.
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अमेरिका के तीन सहयोगी भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया ट्रंप की आर्थिक नीतियों को खुद पर हमला मान रहे हैं. ट्रंप ने अमेरिका के साथ अपने मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के बावजूद ऑस्ट्रेलिया पर 10 फीसदी टैरिफ लगाया है. इसके अलावा स्टील और एल्यूमीनियम पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया गया है, जिससे ऑस्ट्रेलिया को बुरी तरह प्रभावित हुआ है. ऑस्ट्रेलिया अब ट्रंप की फार्मास्यूटिकल्स पर 250 फीसदी टैरिफ लगाने की धमकी से चिंतित है.
कनाडा में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान एक बैठक होने की उम्मीद थी, लेकिन इज़रायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के कारण ट्रंप के शिखर सम्मेलन से जल्दी चले जाने के कारण इसे अचानक रद्द कर दिया गया. ऑस्ट्रेलिया ने हाल ही में फिलिस्तीन को एक देश के रूप में मान्यता दे दी, जो अमेरिका को रास नहीं आया.
अमेरिका के ट्रेड डील से जापान और ऑस्ट्रेलिया नाराज
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज जुलाई में चीन का दौरा किया था, जहां उन्होंने शी चिनपिंग से मुलाकात कर ट्रेड को लेकर चर्चा की. जापान भी अमेरिका के साथ एक व्यापार समझौते पर सहमति बनने के बावजूद ट्रंप की सख्त रणनीति से खुश नहीं है. उसने प्रस्तावित 550 अरब डॉलर के निवेश पैकेज पर वाशिंगटन के साथ असहमति व्यक्त की है और वार्ता को फिलहाल रोक दिया है.
हाल ही में चीन और जापान के बीच कूटनीतिक संबंधों में नरमी के संकेत मिले हैं. दोनों के बीच आर्थिक वार्ता, यात्रा प्रतिबंधों में ढील दी गई है, लेकिन रणनीतिक और सुरक्षा संबंधी चिंताएं अभी भी बनी हुई है. भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया इस समय एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं. ट्रंप की ट्रेड नीति ने पुरानी चिंताओं को तोड़ते हुए नई संभावनाओं के द्वार खोले हैं.
