चीन ने सोमवार (22 सितंबर, 2025) को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एच-1बी वीजा के लिए 1,00,000 डॉलर का भारी शुल्क लगाने के कदम पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन साथ ही उसने वैश्विक पेशेवरों को देश में काम करने के लिए आमंत्रित किया. चीन अगले महीने नया रोजगार वीजा शुरू करने की तैयारी कर रहा है.


शुक्रवार को, ट्रंप प्रशासन ने एच-1बी वीजा पर एकमुश्त 1,00,000 अमेरिकी डॉलर का शुल्क लगाने की घोषणा की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने यहां एक प्रेस वार्ता में ट्रंप के फैसले के बारे में पूछे जाने पर कहा, 'अमेरिका की वीजा नीति पर हम कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.'


चीन ने शुरू किया के-वीजा ‘वर्क परमिट’ 


इसके साथ ही, उन्होंने वैश्विक पेशेवरों को चीन में काम करने के लिए आमंत्रित किया. उन्होंने कहा, 'वैश्वीकृत दुनिया में, प्रतिभाओं की सीमा-पार आवाजाही वैश्विक तकनीकी और आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. चीन दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों से प्रतिभाओं का स्वागत करता है, ताकि वे मानवता की प्रगति और करियर की सफलता के लिए चीन में आएं.'


जहां अमेरिका अपनी वीजा व्यवस्था को सख्त कर रहा है, वहीं चीन ने पिछले महीने के-वीजा नामक एक नए ‘वर्क परमिट’ की घोषणा की है, जिसके तहत दुनिया भर के योग्य पेशेवर देश में आकर काम के अवसर तलाश सकते हैं.


घरेलू नियोक्ता या संस्था की ओर से आमंत्रण जरूरी नहीं


एक अक्टूबर से प्रभावी होने वाला के-वीजा, युवा विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रतिभाओं को आकर्षित करने के उद्देश्य से है और इसके लिए किसी घरेलू नियोक्ता या संस्था की ओर से आमंत्रण जारी करने की आवश्यकता नहीं है. नई वीजा श्रेणी को ‘स्टेट काउंसिल’ की ओर से अनुमोदित किया गया था


सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ के अनुसार, पिछले महीने प्रधानमंत्री ली क्विंग की ओर से चीन के प्रवेश और निकास नियमों में संशोधन के हिस्से के रूप में इस पर हस्ताक्षर किए गए थे. अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता की पृष्ठभूमि में चीन ने एच-1बी मुद्दे पर चुप्पी साध ली है, जहां छात्र और कार्य वीजा पर भी चर्चा चल रही है.


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