अमेरिका में अमेजन कंपनी ने अपने कर्मचारियों के लिए शनिवार (20 सितंबर, 2025) को एक सूचना जारी की है. कंपनी ने अपने सभी H-1B और H-4 वीजाधारक कर्मचारियों को सलाह दी है कि वे इस समय इमिग्रेशन से जुड़े घटनाक्रमों के चलते अमेरिका में ही रहें.
कंपनी ने जारी सूचना में कहा, ‘अगर आपके पास H-1B स्टेटस है और आप अमेरिका में हैं, तो फिलहाल देश में ही रहें. हम सलाह देते हैं कि H-1B और H-4 वीजा धारक रविवार (21 सितंबर, 2025) की रात 12:00 बजे (EDT) से पहले अमेरिका लौट आएं.’
माइक्रोसॉफ्ट और जेपी मॉर्गन कंपनियों ने भी अपने कर्मचारियों की जारी किया नोटिस
अमेजन कंपनी की अपने कर्मचारियों को यह सलाह ऐसे समय पर दी है, जब माइक्रोसॉफ्ट और जेपी मॉर्गन जैसी कंपनियों ने भी अपने कर्मचारियों को इसी तरह की चेतावनी दी है. दरअसल, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थानीय समयानुसार शुक्रवार (19 सितंबर, 2025) को एक आदेश पर दस्तखत किए हैं, जिसके तहत ट्रंप ने H-1B वीजा के लिए आवेदन करने वालों पर 1,00,000 डॉलर की अतिरिक्त फीस लगाई जाएगी. यह नया नियम रविवार (21 सितंबर, 2025) से लागू किया जाएगा और अगले 12 महीनों तक प्रभावी रहेगा. हालांकि, अगर राष्ट्रपति ट्रंप चाहें तो इस नियम को और अधिक समय के लिए बढ़ा भी सकते हैं.
माइक्रोसॉफ्ट और जेपी मॉर्गन ने कंपनियों से क्या कहा?
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, माइक्रोसॉफ्ट ने अपने कर्मचारियों को एक सूचना जारी कर कहा, ‘हम पूरी दृढ़ता से इस बात की सलाह देते हैं कि H-1B और H-4 वीजा धारक डेडलाइन के खत्म होने के पहले कल रविवार (21 सितंबर, 2025) से पहले अमेरिका लौट आएं.’
वहीं, जेपी मॉर्गन के एक्सटर्नल इमिग्रेशन सलाहकारों ने H-1B वीजा धारकों को फिलहाल देश से बाहर यात्रा न करने और अमेरिका में हीं रहने की सलाह दी है.
ट्रंप ने क्यों जारी किया ऐसा आदेश?
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस कार्यकारी आदेश के मुताबिक, कुछ नौकरी देने वाली कंपनियां H-1B प्रोग्राम का इस्तेमाल कम वेतन पर बाहरी कर्मचारियों को काम पर रखने के लिए करते हैं, जिससे अमेरिकी कामगारों को नुकसान होता है. इसलिए ट्रंप प्रशासन ने इस बात की घोषणा की कि कंपनियों को अब प्रत्येक H-1B वर्कर वीजा के लिए हर साल 1,00,000 डॉलर का फीस चुकाना होगा.
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