ढाका में शुक्रवार (5 सितंबर 2025) की शाम बांग्लादेश की जातीय पार्टी (JaPa) के केंद्रीय कार्यालय पर उपद्रवियों ने हमला कर आग लगा दी. यह घटना राजधानी के रमना थाना क्षेत्र में हुई. फायर डिपार्टमेंट को शाम 7 बजे सूचना मिली कि अज्ञात लोगों ने ईंट-पत्थर फेंकने के बाद कार्यालय में आग लगा दी. यह पिछले 10 दिनों में दूसरी बार है जब जापा कार्यालय को निशाना बनाया गया.


जापा महासचिव शमीम हैदर पटवारी ने आरोप लगाया कि यह हमला गोनो अधिकार परिषद की साजिश है. उन्होंने न्यायिक जांच और गोनो अधिकार परिषद का पंजीकरण रद्द करने की मांग की. जापा प्रेसीडियम सदस्य रेजाउल करीम ने भी शाहबाग रैली आयोजकों पर हमले की साजिश का आरोप लगाया. उनका कहना है कि यूनुस की अंतरिम सरकार भीड़ को रोकने में विफल रही और सुरक्षा देने में असफल रही.


गोनो अधिकार परिषद ने आरोपों पर क्या कहा?


गोनो अधिकार परिषद ने इन आरोपों का खंडन किया और कहा कि उनका हमले से कोई लेना-देना नहीं है. अवामी लीग का आरोप है कि इस घटना के लिए यूनुस सरकार जिम्मेदार है. हमले यूनुस की अंतरिम सरकार के समर्थन की मदद से किए जा रहे हैं. बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के तहत भीड़ आतंकवाद फैला रही है. यह हमला लोकतांत्रिक व्यवस्था और राजनीतिक दलों को कमजोर करने की साजिश है.


सूफी संत का शव अपमानित


राजबाड़ी जिले में एक और चौंकाने वाली घटना सामने आई. कट्टरपंथी इस्लामवादियों के समूह ने स्थानीय सूफी संत नूरा पगला की दरगाह पर हमला किया. उनका शव कब्र से निकालकर सबके सामने जला दिया गया. इस घटना के बाद संत के अनुयायियों और इस्लामवादियों के बीच हिंसक झड़प हुई. कट्टरपंथी गुट सूफी प्रथाओं को गैर-इस्लामी बताते हैं.


बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा 


अगस्त 2024 में अवामी लीग सरकार के हटने और मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के आने के बाद से बांग्लादेश में हिंसा बढ़ी है. इस बीच खासकर हसीना समर्थक दलों और व्यक्तियों पर हमले तेज़ हुए हैं. राजनीतिक अस्थिरता के साथ अब धार्मिक उग्रवाद भी सामने आने लगा है.


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