तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने बुधवार (19 नवंबर, 2025) को अपनी सरकार की एक प्रमुख चुनावी घोषणा को पूरा करते हुए 'इंदिरम्मा चीरा' (Indiramma Cheeralu) योजना की शुरुआत कर दी है. इस योजना के तहत, राज्य सरकार गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवनयापन करने वाले परिवारों की एक करोड़ महिलाओं को मुफ्त साड़ियां वितरित करेगी. यह योजना महिला सशक्तिकरण और सामाजिक कल्याण पर सरकार के जोर को दर्शाती है.


इस योजना को लेकर सीएम रेवंत रेड्डी ने कहा, ‘यह सिर्फ एक साड़ी का वितरण नहीं है, बल्कि यह हमारी माताओं और बहनों के प्रति सम्मान की अभिव्यक्ति है. हमने चुनाव के दौरान जो वादा किया था, आज उसे पूरा करते हुए हम गर्व महसूस कर रहे हैं. इस योजना के लिए सरकार ने लगभग 3,250 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, जो इसकी भव्यता और दायरे को दर्शाता है.’


दो चरणों में योजना को लागू करेगी तेलंगाना सरकार


सरकार ने इस विशाल वितरण अभियान को दो चरणों में विभाजित किया है, ताकि इसे प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके. इस योजना का पहला चरण 1 दिसंबर, 2025 से 9 दिसंबर, 2025 तक चलेगा. इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में पात्र महिलाओं को उनके नजदीकी वितरण केंद्रों से साड़ियां प्रदान की जाएंगी. सिविल सप्लाइज कॉर्पोरेशन के माध्यम से इस वितरण की निगरानी की जा रही है.


वहीं, योजना का दूसरा चरण अगले साल 1 मार्च, 2026 से 8 मार्च, 2026 तक चलेगा, जो अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर समाप्त होगा. इस चरण का ध्यान शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों की महिलाओं पर केंद्रित होगा. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस तक इसे पूरा करने का लक्ष्य महिला सशक्तिकरण के संदेश को और मजबूत करेगा.


सफेद राशन कार्डधारी महिलाओं को मिलेगा योजना का लाभ


इस योजना का लाभ उन महिलाओं को मिलेगा जो राज्य की सफेद राशन कार्ड (White Ration Card) धारक हैं. सरकार ने सुनिश्चित किया है कि वितरण प्रक्रिया पारदर्शी और भ्रष्टाचारमुक्त हो. लाभार्थियों की सूची को राशन कार्ड के आधार पर तैयार किया गया है, ताकि कोई पात्र व्यक्ति इस योजना से वंचित न रहे. प्रत्येक साड़ी की गुणवत्ता को लेकर भी सरकार ने मानक तय किए हैं, जिसमें यह सुनिश्चित किया गया है कि महिलाओं को अच्छी क्वालिटी की कपास की साड़ी मिले.


इंदिरा गांधी के नाम पर शुरू की गई थी योजना


'इंदिरम्मा चीरा' योजना का नाम पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर रखा गया है, जो कांग्रेस पार्टी की गरीबों और महिलाओं के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है. यह योजना नई कांग्रेस सरकार के लिए एक बड़ी राजनीतिक उपलब्धि के रूप में देखी जा रही है. यह पिछली भारत राष्ट्र समिति (BRS) सरकार की योजनाओं के विकल्प के रूप में पेश किया गया है और मतदाताओं, खासकर महिला मतदाताओं के बीच सरकार की पकड़ मजबूत करने में मदद करेगा.


विश्लेषकों का मानना है कि यह योजना सिर्फ एक कल्याणकारी कदम नहीं, बल्कि एक सावधानीपूर्वक तैयार किया गया राजनीतिक कदम है, जो आगामी चुनावों में कांग्रेस के लिए एक मजबूत आधार तैयार करेगा. इस योजना की सफलता से सरकार को अन्य कल्याणकारी योजनाओं को भी तेजी से लागू करने में गति मिलेगी.


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