मुंबई हमले के खूंखार गुनहगार तहव्वुर राणा को आखिरकार अमेरिका से भारत लाया गया है. वर्षों की कानूनी लड़ाई और कूटनीतिक प्रयासों के बाद भारत ने इस वांछित आतंकी के प्रत्यर्पण में बड़ी सफलता हासिल की है.
लेकिन इस कामयाबी के पीछे जिन तीन भारतीय आईपीएस अधिकारियों की मेहनत रही उन्होंने सिर्फ देश का मान नहीं बढ़ाया बल्कि यह भी दिखा दिया कि UPSC पास करने वाले अफसर कितने प्रतिभाशाली और समर्पित होते हैं.
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NIA से हैं जुड़े
ये तीनों अधिकारी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से जुड़े हैं और ये सभी अपने आप में मिसाल हैं. कोई डॉक्टर हैं, कोई इंजीनियर तो कोई IIT से पढ़े हैं. आइए जानते हैं इस ऑपरेशन से जुड़ी उन तीन शख्सियतों के बारे में जिनकी मेहनत ने तहव्वुर राणा को भारत की सरजमीं पर लाकर खड़ा कर दिया.
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इंजीनियरिंग छोड़ चुनी देशसेवा
इस ऑपरेशन का नेतृत्व किया NIA के इंस्पेक्टर जनरल (IG) और झारखंड कैडर के 1997 बैच के आईपीएस अधिकारी आशीष बत्रा ने. हरियाणा में जन्मे बत्रा ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद UPSC की राह चुनी और 1996 में उनका चयन आईपीएस में हुआ. उन्होंने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कई ऑपरेशन किए हैं और 2018 में उन्हें झारखंड जगुआर का IG भी नियुक्त किया गया था. वर्तमान में वे NIA में IG के पद पर कार्यरत हैं.
MBBS करने के बाद बनीं आईपीएस
इस टीम की दूसरी सदस्य हैं IPS जया रॉय, जिनका सफर MBBS से सिविल सर्विसेज तक का रहा है. मूल रूप से पश्चिम बंगाल की रहने वाली जया रॉय ने मेडिकल की पढ़ाई की और फिर UPSC पास कर 2011 में झारखंड कैडर में आईपीएस बनीं. 2019 से वे NIA में DIG के तौर पर कार्यरत हैं. जामताड़ा में साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसने वाली टीम की अगुवाई कर चुकी जया आज राष्ट्रीय सुरक्षा का एक अहम चेहरा हैं.
IITian से बने देश के रक्षक
इस ऑपरेशन के तीसरे सदस्य हैं IPS प्रभात कुमार उन्होंने IIT खड़गपुर से इंजीनियरिंग की डिग्री ली है. बिहार से ताल्लुक रखने वाले प्रभात ने प्राइवेट सेक्टर में भी काम किया लेकिन देशसेवा का सपना उन्हें UPSC तक खींच लाया. 2018 में आईपीएस बने प्रभात फिलहाल NIA में SP हैं और इसी ऑपरेशन के कोऑर्डिनेटर भी रहे.
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