सबंगुअल मेलानोमा एक गंभीर बीमारी है जो त्वचा कैंसर है जो आपके नाखून के नीचे शुरू होता है. यह आमतौर पर आपके नाखून पर गहरे भूरे या काले रंग की धारियों के रूप में दिखाई देता है. अगर इस बीमारी का पता वक्त रहते चल जाए और जल्दी पता लगाने और तुरंत इलाज से सबसे अच्छे परिणाम मिलते हैं. नाखूनों में कुछ बदलाव जैसे कि गहरे रंग की धारियां या रंग में बदलाव संभावित रूप से सबंगुअल मेलेनोमा के संकेत हो सकते हैं. त्वचा कैंसर का एक टाइप नाखून के नीचे विकसित होता है. मूल्यांकन के लिए त्वचा विशेषज्ञ से मिलने की आवश्यकता होती है.


गहरे रंग की धारियां या रंग में बदलाव: नाखून के नीचे एक नई या बदलती हुई गहरे रंग की धार (भूरी या काली) होना, खासकर अगर यह अनियमित आकार का हो या आकार में बढ़ रहा हो एक प्रमुख संकेत है.


नाखून में बदलाव: नाखून के फटने, टूटने या विकृत होने पर ध्यान दें.


नाखून का उठना या अलग होना: अगर नाखून नाखून के बिस्तर से दूर उठने लगे, तो यह एक संकेत हो सकता है.


नाखून के आस-पास की त्वचा का काला पड़ना: नाखून के आस-पास की त्वचा का काला पड़ना या रंग में बदलाव, जिसे हचिंसन का संकेत भी कहा जाता है, एक चेतावनी संकेत हो सकता है.


नाखून के नीचे गांठ या उभार: नाखून के नीचे एक नया उभार या गांठ की जांच की जानी चाहिए.


खून बहना या अल्सर होना: अगर नाखून से खून बह रहा है या अल्सर हो रहा है, तो डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है.


यह क्यों ज़रूरी है:


सबंगुअल मेलेनोमा: यह मेलेनोमा (त्वचा कैंसर का सबसे गंभीर प्रकार) का एक रूप है जो नाखून के नीचे विकसित हो सकता है.


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समय पर पता लगाना ज़रूरी है: मेलेनोमा का समय पर निदान और उपचार सफल परिणामों की संभावनाओं को काफ़ी हद तक बेहतर बनाता है.


नाखूनों में होने वाले बदलावों को नज़रअंदाज़ न करें: अगर आपको अपने नाखूनों में कोई चिंताजनक बदलाव नज़र आता है, तो पूरी जांच के लिए त्वचा विशेषज्ञ से सलाह लें. हर नाखून में होने वाला बदलाव कैंसर का संकेत नहीं होता, लेकिन हमेशा सावधानी बरतना और किसी भी चिंताजनक लक्षण के लिए पेशेवर डॉक्टर से सलाह लेना सबसे अच्छा होता है.


नाखूनों पर पड़ने वाले काले लाइन


एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी के मुताबिक जब हाथ या पैर के अंगूठों के नाखून का रंग बदलकर हल्का काला पड़े लगे या नाखून पर काले लाइन पड़ने लगे तो आप मेलोनोमा कैंसर के शिकार हो गए गैं या हो सकते हैं. 


जब हाथ और पैरों की ऊंगलिया नाखून से अलग होने लगे तो यह कैंसर के संकेत हो सकते हैं. जैसे-जैसे नाखून ऊपर उठेगा सफेद किनारा लंबे दिखने लगेगा.


नाखूनों पर पड़ने वाले निशान कैसे हैं?


सबसे जरूरी बात यह है कि नाखूनों पर जो निशान पड़ रहे हैं वह असल में कैसे हैं. दूसरी बीमारियों की वजह से भी गांठ पड़ सकते हैं. आपकी जानकारी  के लिए बता दें कि छोटी बीमारी और कैंसर जैसी बीमारी के लक्षण में जमीन-आसमान का फर्क रहता है. तो ऐसे में नाखूनों पर पड़ने वाले निशान में भी काफी ज्यादा फर्क रहता है. छोटी बिमारी की वजह से आपके नाखूनों पर गड़बड़ी हो रही है को दवाई लेने के बाद एक टाइम के बाद खत्म हो जाएगी लेकिन कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के दौरान यह निशान जाते नहीं है बल्कि वक्त के साथ और ज्यादा फैलने लगते हैं. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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