नेपाल में जारी हिंसक विरोध प्रदर्शन और अराजकता के बीच चीन ने पहली बार सार्वजनिक रूप से स्थिति पर प्रतिक्रिया दी है. चीन ने सभी वर्गों से घरेलू मुद्दों को सही तरीके से सुलझाने और सामाजिक व्यवस्था व क्षेत्रीय स्थिरता बहाल करने की अपील की है. हालात के बीच नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा, लेकिन चीन ने उनके इस्तीफे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.


चीन ने सभी पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने प्रेस वार्ता में कहा कि चीन और नेपाल पारंपरिक रूप से अच्छे मित्र और पड़ोसी हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि नेपाल के सभी वर्ग घरेलू मुद्दों को समझदारी से हल करेंगे और जल्द से जल्द सामाजिक व्यवस्था व क्षेत्रीय स्थिरता बहाल होगी. लिन जियान ने यह भी कहा कि चीन फिलहाल ओली के इस्तीफे पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता. ओली को चीन समर्थक नेता माना जाता है और उन्होंने नेपाल-चीन के रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई थी.


चीन ने नागरिकों की सुरक्षा पर भी ध्यान दिया
लिन जियान ने यह स्पष्ट किया कि नेपाल में अब तक कोई चीनी नागरिक हताहत नहीं हुआ है. उन्होंने चीनियों से अपनी सुरक्षा का ध्यान रखने की सलाह दी और कहा कि वे अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें. इसके साथ ही चीन ने नेपाल स्थित अपने दूतावास में आपातकालीन सुरक्षा व्यवस्था शुरू कर दी है. उन्होंने यह भी बताया कि अगर स्थिति बिगड़े तो नागरिक तुरंत चीन के नेपाल स्थित दूतावास से संपर्क करें.


SCO शिखर सम्मेलन में शामिल हुए थे ओली 
प्रधानमंत्री ओली ने हाल ही में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन और द्वितीय विश्व युद्ध पर आयोजित सैन्य परेड में हिस्सा लिया था. लेकिन नेपाल में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद, जिसमें पुलिस कार्रवाई में 19 लोगों की मौत हुई थी, ओली को इस्तीफा देना पड़ा. सोशल मीडिया पर लगाए गए प्रतिबंध को भी बाद में हटा लिया गया.