Nepal Rain Alert: नेपाल में लगातार हो रही बारिश से लोगों की ज़िंदगी पूरी तरह प्रभावित हो गई है. मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों तक कई जगहों पर भारी भूस्खलन की चेतावनी दी है. इसी को देखते हुए नेपाल सरकार ने शनिवार को काठमांडू में गाड़ियों की आवाजाही पर रोक लगा दी है.


राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि शनिवार से सोमवार तक काठमांडू घाटी में कोई भी वाहन अंदर या बाहर नहीं जा सकेगा. यह फैसला लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.


नेपाल में बारिश के बाद मौजूदा हालात पर 10 बड़े अपडेट



  1. गृह मंत्रालय ने लगातार भारी बारिश को देखते हुए रविवार और सोमवार को पूरे देश में दो दिन की सार्वजनिक छुट्टी घोषित की है. इसके अलावा एयरपोर्ट भी बंद कर दिया है.

  2. गृह सचिव रमेश्वर डांगल ने बताया कि यह अवकाश आपदा प्रबंधन कार्यालयों और आवश्यक सेवाओं पर लागू नहीं होगा.

  3. मौसम विज्ञान विभाग के महानिर्देशक कमल राम जोशी ने बताया कि देश के कई जिलों को अत्यधिक जोखिम और जोखिमग्रस्त श्रेणी में बांटा गया है. जनता से सतर्क रहने की अपील की गई है.

  4. सुनसारी, महोत्तरी, उदयपुर, सिरहा, धनुषा, सारलाही, रौतहट, बारा, सप्तरी, पर्सा, सिंधुली, काभ्रे, दोलखा, ललितपुर, भक्तपुर, सिंधुपालचोक और चितवन जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है.

  5. जोशी ने बताया कि मानसूनी सिस्टम नेपाल के मध्य भाग में प्रवेश कर चुका है और आज शाम 7–8 बजे से कल सुबह 8 बजे तक बहुत तेज बारिश की संभावना है.

  6. ऊर्जा, जल संसाधन और सिंचाई मंत्रालय ने बताया कि ओडिशा (भारत) से निकला नया लो प्रेशर सिस्टम अब नेपाल की ओर बढ़ रहा है, जिससे 4 से 6 अक्टूबर तक भारी वर्षा होगी.

  7. मौसम विभाग (DHM) ने चेतावनी दी है कि नारायणी, बागमती, कमला और कोशी नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ सकता है. छोटे नालों और पहाड़ी धाराओं में अचानक बाढ़ का खतरा है.

  8. राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण प्राधिकरण (NDRRMA) ने 3–6 अक्टूबर तक के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी किया है और लोगों से रात में यात्रा न करने और लंबी दूरी की यात्रा टालने की अपील की गई है.

  9. प्रशासन ने हेतौडा–काठमांडू मार्ग पर रात के समय वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई है. कांति हाईवे: शाम 4 बजे से सुबह 6 बजे तक बंद रहेगा. हेतौडा–भैसे–काठमांडू मार्ग: शाम 5 बजे से सुबह 6 बजे तक बंद रहेगा.

  10. गृह मंत्री ओम प्रकाश अर्याल ने सभी 77 जिलों के मुख्य जिला अधिकारियों, सुरक्षा एजेंसियों और आपदा प्रबंधन दलों के साथ बैठक कर राहत तैयारियों को “जन केंद्रित और प्रभावी” बनाने के निर्देश दिए.