पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने जबसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के गाजा प्लान को समर्थन दिया है, तब से उन्हें अपने ही देश में विरोध का सामना करना पड़ रहा है. कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक (TLP) ने इसको लेकर इस्लामाबाद तक मार्च निकालने की चेतावनी दी थी. संगठन के कार्यकर्ता बीती रात मुरीदके में ठहरे हुए थे, इसी दौरान पाकिस्तान के रेंजर्स ने नरसंहार मचाया, जिसमें तहरीक-ए-लब्बैक के 280 कार्यकर्ताओं की मौत हुई है.  


तहरीक-ए-लब्बैक की लाहौर से इस्लामाबाद तक मार्च को रोकने के लिए मुरीदके में तड़के सुबह तीन से लेकर नौ बजे तक पाकिस्तानी रेंजर्स और पुलिस ने मिलकर ऑपरेशन चलाया. प्रदर्शनकारियो पर अंधाधुंध फायरिंग की गई और आंसू गैस के गोले छोड़े गए. पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के मंच को आग के हवाले कर दिया. संगठन का दावा की पुलिस की गोलीबारी में उसके 280 कार्यकर्ताओं की जान चली गई, जबकि 1900 से ज्यादा घायल हैं. इतना ही नहीं पुलिस की अंधाधुंध फायरिंग के बाद मंच के आसपास बिखरी हुई लाशें भी दिखाई दे रही हैं. 


2 दिनों से मुरीदके में रुके थे कार्यकर्ता


बता दें कि तहरीक-ए-लब्बैक ने बीते शुक्रवार को लाहौर से इस्लामाबाद तक के लिए मार्च निकालना शुरू किया था, जोकि बीते दो दिनों से मुरीदके में रुका हुआ था. लब्बैक के अमीर मौलाना साद हुसैन रिजवी और शहबाज सरकार के बीच बातचीत चल रही थी, लेकिन बीती रात करीब 11 बजे साद हुसैन रिजवी ने ऐलान किया था कि बातचीत फेल हो गई और वो सरकार की बात नहीं मानेंगे. साद ने कहा कि वो कार्यकर्ताओं के साथ इस्लामाबाद की ओर बढ़ेंगे.


तड़के तीन बजे PAK रेंजर्स ने मचाया नरसंहार


मौलाना साद हुसैन रिजवी के इस ऐलान के बाद पाकिस्तान सरकार हड़बड़ा गई और आनन-फानन में उन्हें किसी भी तरह इस्लामाबाद में न घुसने से रोकने की योजना बनाई. भारतीय समयानुसार तड़के 3 बजे पाकिस्तानी रेंजर्स और पुलिस ने मिलकर अभियान चलाया. कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए पहले स्मोक ग्रेनेड फेंके गए और फिर अंधाधुंध फायरिंग की. मुरीदके में नरसंहार मचाने के बाद पुलिस ने मौलाना साद हुसैन रिजवी समेत टीएलपी के अन्य नेताओं को गिरफ्तार कर लिया.