यूपी में अब नकल माफिया की खैर नहीं. उत्तर प्रदेश में जल्द ही यूपी बोर्ड की 10वीं और 12वीं क्लास की परीक्षा शुरू होने जा रही हैं. ऐसे में सरकार ने नकल पर नकेल कसने के लिए बड़े कदम भी उठाएं. अगर इस बार बोर्ड परीक्षा में कोई स्टूडेंट नकल करते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे अगले साल की परीक्षा में भी शामिल होने का मौका नहीं मिलेगा. इसके साथ ही नकल माफियाओं और पेपर लीक में शामिल लोगों पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.


रिपोर्ट्स की मानें तो प्रदेश सरकार ने परीक्षा के दौरान नकल और पेपर लीक पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाए हैं. इस बार यदि कोई छात्र नकल करते हुए पाया जाता है, तो उसे अगले साल की परीक्षा में भी भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी. इसके अलावा नकल माफियाओं और पेपर लीक के मामलों में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना और आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है. इन मामलों में आरोपी की संपत्ति भी कुर्क की जाएगी.


नकल रोकने के लिए नया विधेयक





बताते चलें कि हाल ही में उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक 2024 को पारित किया गया था. इस विधेयक के तहत नकल और पेपर लीक जैसे अपराधों में शामिल छात्रों को एक साल के लिए अगली परीक्षा में बैठने से रोक दिया जाएगा. इस कानून के तहत छात्रों को कारावास या जुर्माने की सजा नहीं दी जाएगी बल्कि उनका परीक्षा परिणाम रद्द कर दिया जाएगा. इसके साथ ही फर्जी वेबसाइट बनाना, फर्जी प्रवेश पत्र जारी करना और पेपर लीक करने जैसी गतिविधियां भी अपराध मानी जाएंगी.

 

कड़ी सजा का प्रावधान

परीक्षा से जुड़ी किसी भी गड़बड़ी में शामिल पाए जाने वाले व्यक्तियों को कड़ी सजा दी जाएगी जिसमें आजीवन कारावास और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना शामिल है. इसके अलावा अगर पेपर लीक और नकल के मामलों में परीक्षा संस्थान या परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी की भूमिका सामने आती है, तो उस संस्था से परीक्षा का पूरा खर्च वसूला जाएगा और उसकी संपत्तियों को कुर्क किया जा सकता है.