दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे चौंकाने वाले हैं. आप पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को भाजपा के प्रवेश वर्मा ने हरा दिया है. जिसके बाद उनके नाम की सबसे अधिक चर्चा हो रही है. प्रवेश कौन हैं और इनके सितारे क्या कहते हैं? क्या ये दिल्ली के सीएम बन सकते हैं, आइए जानते हैं.


प्रवेश वर्मा ने बड़ी जीत हासिल की है. प्रवेश वर्मा पर सभी की नजर थी. नई दिल्ली से उन्होंने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ ताल ठोंकी थी. लड़ाई कांटे की थी.माना जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री को हराकर प्रवेश वर्मा ने भाजपा का 27 साल का वनवास समाप्त करने का काम किया है. इसलिए मुख्यमंत्री की दौड़ में प्रवेश वर्मा का नाम सबसे आगे चल रहा है. ज्योतिष के माध्यम से समझते हैं कि प्रवेश शर्मा दिल्ली की सीएम की कुर्सी के कितने दूर या नजदीक हैं.


राहु केतु की भूमिका अहम
अंक ज्योतिष के अनुसार प्रवेश वर्मा का जन्म 7 नवंबर 1977 का है. प्रवेश वर्मा का मूलांक 7 बनता है तो वहीं भाग्यांक 4 बनता है. 7 अंक जहां केतु का अंक है तो वहीं 4 अंक राहु का है. ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को पाप ग्रह माना गया है. बावजूद कलियुग में राहु-केतु को बहुत ही प्रभावी माना गया है. ये दोनों ही ग्रह मायावी माने गए हैं. इन ग्रहों की बारे में कहा जाता है कि ये कुछ भी छोटा नहीं देते हैं जब भी देते हैं तो बड़ा ही देते हैं. इनके बारे में एक बात और कही जाती है कि ये रंक का राजा और राजा को रंक बनाने की क्षमता रखते हैं.


प्रवेश वर्मा पर इन दोनों ही ग्रहों का प्रभाव दिखाई देता है. राहु-केतु जीवन में अचानक होने वाली घटनाओं का भी कारक है. जिस प्रकार से उनका प्रदर्शन दिल्ली चुनाव में दिखाई दिया है उससे इन ग्रहों का प्रभाव झलकता है. राहु जहां व्यक्ति को साहसी और निडर बनाता है. राहु की खासियत है कि सामने कौन है उसकी परवाह नहीं करता है. प्रवेश वर्मा ने भी इसकी चिंता नहीं की कि सामने कौन है. राहु व्यक्ति को अपने लक्ष्य पर अडिग रहना सीखाता है. प्रवेश वर्मा चुनाव के पहले दिन से ही अपने लक्ष्य को लेकर गंभीर और अडिग नजर आए. केतु ग्रह के बारे में माना जाता है कि ये रणनीति बनाने में माहिर होता है. इस बार प्रवेश वर्मा ने अपनी जीत के साथ पार्टी की जीत के लिए भी रणनीति बनाने में अहम भूमिका निभाई. केतु विजय है. इसे पताका भी कहते हैं.इन दोनों ग्रहों की सबसे बड़ी खासियत है ये किसी के भी साथ आसानी से घुलमिल जाते हैं. यही कारण है कि प्रवेश वर्मा सभी वर्गों का वोट हासिल करने में लगभग-लगभग सफल रहे. ये ग्रह छिपे हुए शत्रु के भी कारक है. इसलिए सावधान और सतर्क रहना चाहिए.


सीएम की कुर्सी के कितने पास
प्रवेश वर्मा के लिए राह अभी आसान नहीं है. क्योंकि ये ग्रह बाधा देने में भी पीछे नहीं रहते हैं. ये ऐन वक्त पर बाधा उत्पन्न करने के लिए भी जाने जाते हैं. इस दौरान प्रवेश वर्मा को हर कदम संभलकर रखना होगा. वाणी पर संयम रखना होगा. क्योंकि राहु कभी-कभी व्यक्ति को जुबान से हल्का बना देता है या फिर वाणी दोष पैदा कर देता है जिस कारण हानि उठानी पड़ जाती है. ये ग्रह अतिउत्साही भी बनाते हैं. इसलिए योग्य मार्गदर्शक व सालहकार की सालह अवश्य लेनी चाहिए. अपनी बातों को गुप्त रखना चाहिए और सही समय पर अपना अगला कदम रखना चाहिए. राहु केतु के दोष को दूर करने के लिए भगवान शिव व माता सरस्वती की पूजा करनी चाहिए. गणेश जी की भी पूजा शुभ फल प्रदान करने में सहायक है.


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