Bangladesh Hindu Violence: बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस ने अपने देश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा की खबरों को पूरी तरह फेक न्यूज बताया है. उन्होंने दावा किया कि फेक न्यूज भारत की खासियत बन गई है.
मोहम्मद यूनुस ने ये बयान पत्रकार मेहदी हसन को दिए एक इंटरव्यू में दिया. हसन ने उनसे पूछा था कि पिछले साल नवंबर में करीब 30,000 हिंदुओं ने आपके शासन के खिलाफ प्रदर्शन किया था. उनका कहना था कि उनके समुदाय पर हजारों हमले हुए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी बांग्लादेश की हिंसा को बर्बर बताया था. ऐसे में इस हिंसा को रोकने के लिए आपने क्या कदम उठाए उठाए थे.
मोहम्मद यूनुस ने कही ये ये बात
मेहदी हसन के सवाल के जवाब में यूनुस ने कहा, 'सबसे पहले ये सारी खबरें फेक न्यूज हैं. इन पर भरोसा नहीं किया जा सकता. आज भारत की एक बड़ी खासियत है, फेक न्यूज.' जब उनसे पूछा गया कि क्या वह कह रहे हैं कि हिंसा की खबरें बढ़ा चढ़ाकर पेश की गई हैं या फिर बिल्कुल गलत हैं, तो यूनुस ने कहा, 'कभी कभी कुछ विवाद होते हैं, जमीन का झगड़ा, पारिवारिक विवाद या किसी निजी मसले पर. अगर मेरा हिंदू पड़ोसी है और हम दोनों में जमीन के निशान को लेकर विवाद है, तो लोग उसे हिंदू मुस्लिम विवाद कह देते हैं, जबकि असल में ऐसा नहीं है.'
'अंतरिम सरकार इस पर बेहद सतर्क है'
यूनुस ने कहा कि 2024 में शेख हसीना को हिंसक प्रदर्शनों के बीच सत्ता से हटाए जाने के बाद से बनी अंतरिम सरकार इस मसले पर बहुत सतर्क है. भारत हमेशा इस मुद्दे को उछालता है इसलिए हम खास ध्यान रख रहे हैं.
'हिंदू खुद को नागरिक के रूप में देखें'
जब यूनुस से पूछा गया कि वह बांग्लादेश के हिंदू समुदाय को क्या संदेश देना चाहेंगे, तो उन्होंने कहा , 'मैं उनसे कहता हूं कि यह मत कहिए कि मैं हिंदू हूं, मेरी रक्षा कीजिए. कहिए कि मैं इस देश का नागरिक हूं, और मुझे वह सभी अधिकार चाहिए जो राज्य अपने नागरिकों को देता है. इससे वे देश के उन सभी लोगों के साथ खड़े होंगे जिन्हें राज्य से समान व्यवहार नहीं मिला है. खुद को अलग मत कीजिए.'
यूनुस ने इंटरव्यू में कहा कि भारत द्वारा शेख हसीना को शरण देने का फैसला दोनों देशों के रिश्तों में मुख्य अवरोध बन गया है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बांग्लादेश में आगामी चुनाव छह महीने के भीतर होंगे.
