देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले वीर जवानों के बीच अब एक नया इतिहास रचा गया है. सीमा सुरक्षा बल (BSF) की एयर विंग को अपने 50 साल से ज्यादा के लंबे सफर में पहली बार एक महिला फ्लाइट इंजीनियर मिली है. यह उपलब्धि हासिल की है इंस्पेक्टर भावना चौधरी ने, जिन्होंने न सिर्फ बीएसएफ बल्कि पूरे देश को गर्व महसूस कराया है.
बीएसएफ के लिए यह पल बेहद खास रहा जब महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने इंस्पेक्टर भावना चौधरी और चार अन्य पुरुष अधिकारियों को फ्लाइंग बैज प्रदान किए. इस सम्मान के साथ ही भावना चौधरी का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया.
दो महीने का कठिन प्रशिक्षण, सफलता की नई उड़ान
इंस्पेक्टर भावना चौधरी ने यह मुकाम यूं ही नहीं हासिल किया. उन्होंने और उनके साथ चार अन्य अधिकारियों ने बीएसएफ एयर विंग के प्रशिक्षकों के मार्गदर्शन में दो महीने का कठिन और गहन प्रशिक्षण पूरा किया. अगस्त महीने से शुरू हुए इस प्रशिक्षण के दौरान उन्हें 130 घंटे तक उड़ान और तकनीकी कार्यों का व्यावहारिक अनुभव दिया गया.
इस दौरान उन्होंने सिर्फ सैद्धांतिक नहीं बल्कि वास्तविक परिस्थितियों में काम करने का अनुभव भी हासिल किया खासकर पंजाब और अन्य राज्यों में आई बाढ़ के दौरान, जब हेलीकॉप्टर मिशन के जरिए राहत कार्य किए जा रहे थे. बीएसएफ के अधिकारियों के अनुसार, इन अभियानों ने भावना और उनके साथियों को उड़ान से जुड़ी चुनौतियों और जिम्मेदारियों को गहराई से समझने में मदद की.
वायुसेना से मिली प्रेरणा, बीएसएफ ने शुरू किया अपना प्रशिक्षण
बीएसएफ की एयर विंग में एमआई-17 हेलीकॉप्टरों के लिए फ्लाइट इंजीनियरों की लंबे समय से कमी महसूस की जा रही थी. पहले बैच के तीन अधिकारियों को भारतीय वायुसेना ने प्रशिक्षित किया था, लेकिन दूसरे बैच को किसी वजह से वायुसेना में प्रशिक्षण स्लॉट नहीं मिल सका.
इसके बाद बीएसएफ ने गृह मंत्रालय से अनुमति लेकर अपना आंतरिक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया, ताकि वह अपने ही अधिकारियों को इस विशेष भूमिका के लिए तैयार कर सके. इसी पहल का नतीजा है कि भावना चौधरी सहित पांच अधिकारी अब पूरी तरह प्रशिक्षित फ्लाइट इंजीनियर बन चुके हैं.
1969 से आकाश में उड़ान भरती बीएसएफ एयर विंग
बीएसएफ को वर्ष 1969 से गृह मंत्रालय की एविएशन यूनिट की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. तब से लेकर अब तक इस विंग ने देश के कई कठिन इलाकों चाहे वो राजस्थान का रेगिस्तान हो, कश्मीर की बर्फीली घाटियां हों या पूर्वोत्तर के घने जंगल हर जगह पर अपनी सेवाएं दी हैं. बीएसएफ की एयर विंग न केवल सीमावर्ती इलाकों में निगरानी करती है बल्कि आपदा राहत, मेडिकल इवैक्यूएशन और मानवीय सहायता जैसे मिशनों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
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