बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर निरंतर हमले जारी हैं. इसी क्रम में जमालपुर जिले के सरिशाबारी उपजिला में एक हिंदू मंदिर में दुर्गोत्सव से पहले बनाई गईं सात मूर्तियों को तोड़ दिया गया. स्थानीय मीडिया ने रविवार (21 सितंबर, 2025) को यह जानकारी दी. यह घटना शनिवार रात नगर पालिका के तारयापारा मंदिर में हुई. 


बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के सबसे बड़े धार्मिक उत्सव, दुर्गा पूजा उत्सव से एक हफ्ते पहले इस तरह का ये दूसरा हमला रिपोर्ट हुआ है. इस घटना की पुष्टि करते हुए सरिशाबारी पुलिस थाने के प्रभारी रशीदुल हसन ने कहा, 'सूचना मिलने के बाद हम मौके पर पहुंचे. घटना के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है.'


आरोपियों ने मंदिर की मूर्तियां की नष्ट


पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी की पहचान शिमलापल्ली गांव निवासी 35 वर्षीय हबीबुर रहमान के रूप में हुई है. पुलिस और मंदिर अधिकारियों के अनुसार, शनिवार रात कारीगरों के जाने के बाद मंदिर में आगामी दुर्गा पूजा के लिए बनाई गई मूर्तियां नष्ट कर दी गईं. उन्होंने आगे बताया कि आरोपी मंदिर में घुस गए और मूर्तियों के सिर और अन्य हिस्से तोड़ दिए. 


रिपोर्ट्स के अनुसार, रविवार सुबह मंदिर समिति के सदस्यों ने मूर्तियों को क्षतिग्रस्त पाया और पुलिस को सूचित किया, जिसने सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद हबीबुर को गिरफ्तार कर लिया. बांग्लादेश के प्रमुख समाचार पत्र द डेली स्टार ने मंदिर समिति के अध्यक्ष गोएश चंद्र बर्मन के हवाले से कहा, 'रविवार सुबह, महालया के दिन, जब हम वहां पहुंचे तो मूर्तियां टूटी हुई थीं. हमने तुरंत पुलिस को बुलाया. सीसीटीवी फुटेज के जरिए तोड़फोड़ करने वाले की पहचान हो गई.'


बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों और अल्पसंख्यकों पर हमलों में वृद्धि


यह घटना एक चिंताजनक प्रवृत्ति को उजागर करती है, क्योंकि अगस्त 2024 में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद से बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों और अल्पसंख्यकों पर हमलों में वृद्धि देखी गई है. इस सप्ताह की शुरुआत में, स्थानीय मीडिया ने बताया कि कुश्तिया जिले के मीरपुर उपजिला स्थित स्वरूपदाह पालपारा श्री श्री राखा काली मंदिर में बदमाशों ने मूर्तियों को तोड़ दिया और एक सुरक्षा कैमरा और मेमोरी कार्ड चुरा लिया.


मंदिर समिति के अध्यक्ष अमरेश घोष के अनुसार, बदमाशों ने भगवान कार्तिक और सरस्वती की मूर्तियों के सिर और हाथ तोड़ दिए. बांग्लादेश के प्रमुख दैनिक, द बिजनेस स्टैंडर्ड ने घोष के हवाले से कहा, 'घटना के समय इलाके में बिजली नहीं थी और हल्की बारिश हो रही थी. इसी का फायदा उठाकर मूर्तियों को तोड़ा गया. हालांकि अस्थायी टिन-शेड वाले मंदिर की रोजाना सुरक्षा की जाती है, फिर भी बिजली कटौती के दौरान यह नुकसान हुआ.'


हिंदू धर्म के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की निंदा


मंदिर समिति के पूर्व सचिव बादल कुमार डे ने कहा, 'पिछले तीन सालों से हम यहां दुर्गा पूजा की तैयारी कर रहे हैं. दुर्गा पूजा से पहले हुई इस घटना ने हमें दहशत में डाल दिया है.' पिछले हफ्ते, बांग्लादेश की अवामी लीग ने अंतरिम सरकार के गृह सलाहकार जहांगीर आलम चौधरी की हिंदू धर्म के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के लिए कड़ी निंदा की थी, जिसमें उन्होंने हिंदू रीति-रिवाजों को 'शराब और नशीले पदार्थों का जमावड़ा' बताया था.


उनकी यह आपत्तिजनक टिप्पणी देश में आगामी दुर्गा पूजा समारोहों से पहले आई है. पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग की लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार के सत्ता से बेदखल होने के बाद से, बांग्लादेश हिंसा और घोर अराजकता की चपेट में है. अंतरिम सरकार को कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों को पनाह देने के लिए भी कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा है.


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