बांग्लादेश में रविवार (21 सितंबर, 2025) को चार तीव्रता का भूकंप आने के बाद इसके झटके मेघालय में भी महसूस किए गए. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि बांग्लादेश से लगती मेघालय की सीमा के पास भारतीय समयानुसार सुबह 11 बजकर 49 मिनट पर भूकंप महसूस किया गया. 


उन्होंने कहा कि मेघालय में किसी भी तरह के नुकसान या किसी के हताहत होने की तत्काल कोई खबर नहीं है. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, भूकंप का केंद्र बांग्लादेश-मेघालय की सीमा के पास जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई में था. भूकंप वैज्ञानियों ने बताया कि इसकी तीव्रता अपेक्षाकृत कम थी और राज्य के बुनियादी ढांचे पर इसका कोई खास असर नहीं पड़ा. मेघालय और उसके आसपास के इलाकों सहित भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र अत्यधिक सक्रिय भूकंपीय क्षेत्र में आता है.


भूकंप के झटकों को लेकर निगरानी जारी


मेघालय और उसके आसपास के इलाकों सहित भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र अत्यधिक सक्रिय भूकंपीय क्षेत्र में आता है. अधिकारियों ने कहा है कि स्थिति नियंत्रण में है और आगे आने वाले किसी भी झटके या संबंधित गतिविधि का आकलन करने के लिए निरंतर निगरानी की जाएगी.


राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) ने जानकारी दी थी कि शनिवार (20 सितंबर, 2025) को दोपहर म्यांमार में रिक्टर पैमाने पर 3.4 तीव्रता का हल्का भूकंप आया. यह भूकंप भारतीय समयानुसार दोपहर 1 बजकर 05 मिनट पर 80 किलोमीटर की गहराई पर आया, जिसका निर्देशांक अक्षांश 25.28 उत्तर और देशांतर 95.15 पूर्व दर्ज किया गया.


गुजरात में भी महसूस हुए भूकंप के झटके


बता दें कि भूकंप के झटके सिर्फ मेघालय ही नहीं, गुजरात में भी महसूस किए गए. गुजरात में रविवार को 3.1 तीव्रता वाले भूकंप के झटके महसूस हुए. आईएसआर ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहा कि भूकंप दोपहर 12 बजकर 41 मिनट पर आया और इसका केंद्र भचाऊ से लगभग 12 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में था. 


जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने बताया कि इसमें जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है. कच्छ जिला ‘अत्यधिक जोखिम’ वाले भूकंपीय क्षेत्र में स्थित है, जहां कम तीव्रता के भूकंप नियमित रूप से आते रहते हैं. कच्छ में साल 2001 में आया भूकंप पिछली दो शताब्दियों में भारत का तीसरा सबसे बड़ा और दूसरा सबसे विनाशकारी भूकंप था.


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