पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हाल ही में डिफेंस एग्रीमेंट हुआ है, जिसके तहत अगर दोनों में से किसी भी देश पर कोई हमला होता है तो इसे दोनों के खिलाफ माना जाएगा. इस समझौते के बाद सवाल उठ रहे हैं कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच जंग छिड़ती है तो क्या सऊदी इसमें शामिल होगा. पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने तो दावा किया है कि अगर जंग छिड़ी तो रियाद जरूर इसमें शामिल होगा. हालांकि एक्सपर्ट्स का मानना है कि सऊदी ऐसा नहीं करेगा क्योंकि उसके भारत के साथ अच्छे संबंध हैं और दोनों देशों के बीच कारोबार भी पाकिस्तान के मुकाबले बहुत ज्यादा है. पाकिस्तान के साथ सऊदी के इस समझौते के बाद सवाल उठ रहे हैं कि आखिर उसकी रॉयल एयरफोर्स के पास कौन-सा सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट है और वो भारत के राफेल के मुकाबले कितना खतरनाक है?
अरब की रॉयल एयरफोर्स के पास अगर कुल फाइटर जेट 283 हैं, जिनमें अमेरिका का F-15E स्ट्राइक ईगल, इटली-जर्मनी-ब्रिटेन का Panavia Tornado और जर्मनी-इटली-स्पेन-ब्रिटेन के ज्वाइंट वेंचर यूरोफाइटर टाइफून शामिल हैं. सऊदी एयरफोर्स के पास सबसे अपडेटेड फाइटर जेट की बात करें तो वो यूरोफाइटर टाइफून है, जोकि 4.5वीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान है, लेकिन क्या ये भारतीय एयरफोर्स के राफेल फाइटर जेट के सामने कहीं ठहरता है? आइए दोनों फाइटर जेट की तुलना करते हैं-
राफेल या यूरोफाइटर किसकी ज्यादा स्पीड?
राफेल और यूरोफाइटर टाइफून दोनों ही 4.5वीं पीढ़ी के खतरनाक फाइटर जेट हैं, लेकिन यूरोफाइटर को मुख्य रूप से स्पीड के लिए डिजाइन किया गया है. जहां फ्रांस के डसॉल्ट एविशन द्वारा बनाए गए राफेल की स्पीड 1912 KM/घंटा है, वहीं यूरोफाइटर की स्पीड 2100 KM/घंटा है. यूरोफाइटर की कॉम्बैट रेंज 1389 KM है, जबकि ऑपरेशनल रेंज 2900 KM है. वहीं राफेल की कॉम्बैट रेंज 1850 किमी और ऑपरेशनल रेंज 3700 KM है.
कौन-सा फाइटर जेट ज्यादा खतरनाक?
यूरोफाइटर अधिकतम 65 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. इसमें 27 मिमी की माउजर रिवॉल्वर कैनन लगी है. जो 150 राउंड प्रति मिनट से फायर करती है. इसमें कुल मिलाकर 13 हार्डप्वाइंट्स हैं. जिसमें एयर-टू-एयर, एयर-टू-सरफेस और एंटी-शिप मिसाइलें लगाई जा सकती है. इसके अलावा 6 तरह के बम लगाए जा सकते हैं.
वहीं राफेल फाइटर जेट अधिकतम 51,952 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. यह एक सेकेंड में 305 मीटर की सीधी उड़ान भरने में सक्षम है. इसमें 30 मिमी की ऑटोकैनन लगी है, जो 125 राउंड प्रति मिनट दागती है. इसके अलावा इसमें 14 हार्डप्वाइंट्स हैं. इसमें एयर-टू-एयर, एयर-टू-ग्राउंड, एयर-टू-सरफेस, न्यूक्लियर डेटरेंस मिसाइलें लगा सकते हैं. इसके अलावा कई अन्य तरह के बमों को भी तैनात किया जा सकता है.
परमाणु हथियार के लिए कौन-सा फाइटर जेट?
राफेल फाइटर जेट को न्यूक्लियर हथियार ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है और इसीलिए भारत ने इस मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट को चुना था, जबकि यूरोफाइटर टाइफून न्यूक्लियर हथियार ले जाने में सक्षम नहीं है. दोनों ही फाइटर जेट्स की अपनी अलग-अलग विशेषताएं हैं. जहां यूरोफाइटर स्पीड के लिए डिजाइन्ड है, वहीं राफेल फाइटर जेट मल्टी रोल एयरक्राफ्ट है. न्यूक्लियर हथियाल ले जाने में सक्षम राफेल के सामने यूरोफाइटर काफी पीछे है.
